बता दें कि धार जिले में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला का सर्वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने किया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। धार भोजशाला का सर्वे ASI ने बारीकी से किया है। इस दौरान ASI ने अलग-अलग तरह के अवशेष भी जब्त किए हैं। इनमें भोजशाला की दीवार, पिलर के साथ ही खुदाई के दौरान 37 देवी-देवताओं की मूर्तियां भी शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा पूजा स्थल अधिनियम से जुड़ा है भोजशाला मामला
भोजशाला के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि भोजशाला का मामला भी पूजा स्थल अधिनियम से जुड़ा हुआ है। इस तरह के मामलों की सुनवाई एक ही जगह होना चाहिए। वहीं याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के समक्ष आपत्ति भी पेश की थी। इस आपत्ति में कहा गया था कि पूजा स्थल अधिनियम और भोजशाला का मामला पूरी तरह से अलग है। इसकी सुनवाई अलग से की जाना चाहिए।