केजरीवाल को आज से ‘विज्ञापन बाबा’ कहना चाहिए- BJP
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल को आज से ‘विज्ञापन बाबा’ कहा जाना चाहिए। दिल्ली सरकार ने ‘बिजनेस ब्लास्टर्स’ योजना के लिए कुल 54 करोड़ रुपये खर्च किए। जबकि, इस योजना के विज्ञापन पर 80 करोड़ रुपये खर्च हुए। सीएजी (CAG) ने उल्लेख किया है कि इस योजना के विज्ञापन पर खर्च योजना के खर्च से 1.5 गुना अधिक था।AAP सरकार ने एक अन्य योजना में 1.9 करोड़ रुपये का निवेश किया। जबकि, उस योजना के विज्ञापन पर 27.9 करोड़ रुपये खर्च किए।”CAG ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, “CAG रिपोर्ट के अनुसार, 17 मार्च 2020 को दिल्ली के PWD ने एक प्रस्ताव दिया था कि अरविंद केजरीवाल के आवास का पुनर्निर्माण किया जाना है। PWD ने इमारत को तोड़कर एक मंजिल जोड़ने का प्रस्ताव दिया। हैरानी की बात यह है कि सिर्फ एक दिन में PWD के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया। पुनर्निर्माण का अनुमान 7.61 करोड़ रुपये था। लेकिन टेंडर 8.62 करोड़ रुपये का निकला, यानी टेंडर की लागत 13.21% अधिक थी। यह काम 2022 में 33.66 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ। यानी लागत अनुमानित राशि से 342.31% अधिक थी। अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ के लिए इतना बड़ा घोटाला किया गया।’दिल्ली सरकार की वो 10 रिपोर्ट्स जो विधायिका में नहीं रखी गई-
1- मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट।2- 31 मार्च 2020 और 2021 को समाप्त वर्ष के लिए राजस्व, आर्थिक, सामाजिक और सामान्य क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रम।
3- 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम और शमन का निष्पादन लेखा परीक्षा।
4- 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों का निष्पादन लेखा परीक्षा।
5- मार्च 2022 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट।
6- दिल्ली में शराब आपूर्ति पर निष्पादन लेखा परीक्षा।
7- मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट।
8- सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर निष्पादन लेखा परीक्षा।
9- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की “दिल्ली परिवहन निगम के कामकाज” पर निष्पादन लेखा परीक्षा रिपोर्ट।
10- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की 31 मार्च को समाप्त वर्ष के लिए निष्पादन लेखा परीक्षा रिपोर्ट 2022।