राष्ट्रीय स्वच्छ वायु गुणवत्ता कार्यक्रम की तरह एमपी भी राज्य स्तरीय कार्यक्रम बनाएगा। इसमें 100 या इससे अधिक एक्यूआइ वाले शहरों को शामिल किया जाएगा। उन पर नए सिरे से काम होगा। सीएम डॉ. यादव ने शुक्रवार को पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में इस पर अफसरों को नए सिरे से काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सिंहस्थ को देखते हुए शिप्रा और कान्ह नदी के जल की गुणवत्ता की लगातार निगरानी करने के भी निर्देश दिए हैं। यह भी कहा कि रामसर साइट अधिसूचित किए जाएं और औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले डिस्चार्ज का ह्रश्वलांट में ही ट्रीटमेंट हो।
मध्य प्रदेश में पुरानी गाड़ियों की भरमार, पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
प्रदेश पुरानी गाडिय़ों का हब बनता जा रहा है। महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश से यहां बड़ी संख्या में पुरानी गाड़ियां लाकर बेची जा रही हैं। प्रदेश में पहले से लाखों पुराने वाहन हैं। इनकी ठीक से जांच नहीं होती। नतीजा, सड़कों पर धुएं उड़ाती ये गाड़ियां लोगों को बीमार कर रही हैं। यह ठंड में तब पता चलती है, जब नमी के कारण धुएं के कण भारी हो जाते हैं। फिर निचले स्तर पर रहने के कारण प्रदूषण बढ़ जाता है। पत्रिका ने हाल में ही ऐसी गाड़ियों का मुद्दा उठाया था। इस पर सरकार ने संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री ने पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए विभागों को काम करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम के ये निर्देश भी
100 या अधिक एक्यूआइ वाले शहरों के 5 साल के डेटा अध्ययन कर चिह्नित करें। शहर की सड़कों को कच्चा न रहने दें। मुय सड़कों के किनारे पेवर ब्लॉक लगाएं। शहरों में सड़कें गुणवत्तायुक्त हाें, ताकि धूल न रहे। गेहूं की कटाई शुरू होगी, इसलिए कलेक्टर पराली जलाने पर सत नजर रखें। किसानों को पराली से भूसा बनाने के लिए जागरूक करें। चारा संकट भी दूर होगा।
कड़ी कार्रवाई करें
भोपाल में बड़ा तालाब हमारी धरोहर है। संरक्षित करें। सीएम ने कहा, देखें कि वहां कितने अतिक्रमण हैं, क्यों है और कौन जिमेदार है। रामसर साइट पर मूल सरंचना से छेड़छाड़ पर कड़ी कार्रवाई करें।
दिल्ली मॉडल इसलिए
वायु प्रदूषण से मुक्ति के लिए दिल्ली में हाल ही में भाजपा सरकार ने नई व्यवस्था बनाई है। इसके तहत 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को 1 अप्रेल से पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को डीजल नहीं मिलेगा।