दरअसल, महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जा रही कुशीनगर एक्सप्रेस भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंची ही थी कि, ट्रेन देखकर उसपर चढ़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बताया जा रहा कि, पहले से ही कुशीनगर एक्सप्रेस यात्रियों से खचाखच भरी थी, जिसके बाद स्टेशन पर मौजूद लोगों की भीड़ से वहां का हाल और भी बेहाल हो गया। हालात इतने बिगड़ गए कि बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन में सवार तक नहीं हो पाए, धक्का खाते चीखते-पुकारते स्टेशन पर भगदड़ जैसे हालात बन गए।
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भोपाल स्टेशन पर आई कुशीनगर एक्सप्रेस का नजारा कुछ ऐसा देखने को मिला जो सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहा है। सोमवार दोपहर 3:01 मिनट पर जब कुशीनगर एक्सप्रेस अपने निर्धारित प्लेटफार्म पर पहुंची तो लोगों की धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिन्में से आधे यात्री तो ट्रेन में सवार ही नहीं हो सके। इस दौरान सिर्फ 20 फीसद यात्री ही ट्रेन में चढ़ सके। दो मिनट का हॉल्ट लेकर जब ट्रेन आगे बढ़ी तो एक महिला ने रोना शुरू कर दिया, पुछने पर उसने कहा कि उसका परिवार स्टेशन पर उतर गया है, लेकिन वो नहीं उतर सकी जिसके बाद से ट्रेन की चेन खींचकर महिला को नीचे उतारा गया। मिली जानकारी के अनुसार, सिर्फ एक ही ट्रेन की बात नहीं है, यहां भीड़ अधिक होने के कारण लोग बिछड़ रहे हैं। ऐसे में कई बार ट्रेन की चेन खींचकर लोगों को उतारा जा रहा है। जिससे यातायात बाधित होने की संभावना बनी हुई है।
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भोपाल स्टेशन का ऐसा नजारा देखकर रेलवे के सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं। रेलवे के अनुसार आरपीएफ के जवान 24 घंटे स्टेशन पर नजर रखे हुए है। ट्रेनों की रेगुलर पैटरोलिंग की जा रही है। बैग चेकिंग से लेकर हर छोटी- छोटी गतिविधियों पर भी आरपीएफ जवान नजर बनाए हुए हैं। हालांकि, रेलवे द्वारा किया जा रहा ऐसा दावा मौजूदा हालातों को देखकर खोखला साबित हो रहा है।
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भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म 2 पर सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो हजारों की भीड़ के लिए केवल एक सुरक्षाकर्मी तैनात था, जो पूरी तरह से भीड़ को कंट्रोल करने में बेबस नजर आ रहा था। रेलवे की ओर से कहा गया है कि महाकुंभ में शामिल होने के लिए यात्रियों का आना-जाना बढ़ा है। सोमवार को भोपाल स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में 22 से 25 फीसदी अधिक रही, जिसके चलते यहां हालात बेकाबू हो गए थे।