केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल में मीडिया से बात की। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्मार्ट पार्क में महिलाओं के साथ पौधे रोपने के बाद पत्रकारों से रूबरू हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण किया है। आगामी 2028-29 के चुनाव 33 प्रतिशत महिला आरक्षण के साथ ही होंगे। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उन्हें 33 प्रतिशत सीटें मिलेंगी, वे सांसद, विधायक और मंत्री बनेंगी। यही महिलाएं देश को समृद्ध बनाएंगी। शिवराजसिंह चौहान ने यह भी कहा कि महिलाएं अब राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रहीं हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए शिवराजसिंह चौहान ने दोहराया कि अगले लोकसभा,विधानसभा चुनाव में 33 प्रतिशत सीटों पर चुनाव लड़कर ये बहनें ही सांसद, विधायक, मंत्री बनेंगी। खुद की जिंदगी बदलेंगी, अपनी बहनों, बेटियों की किस्मत संवारेंगी। विकसित भारत के संकल्प में इनका अहम योगदान होगा।
प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव cm mohan yadav ने भी पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की तरह ही अगले चुनावों में महिलाओं की भूमिका को लेकर बड़ी बात कही। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सीएम ने लाड़ली बहना योजना की 22 वीं किस्त के रूप में प्रदेश की 1.27 करोड़ पात्र महिलाओं के खातों में 1552.73 लाख रुपए डाले।
इस मौके पर डॉ. मोहन यादव ने बताया कि आज मेरे पूरे स्टाफ की जिम्मेदारी बहनें ही संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि मातृ सत्ता को स्वीकारने वाला भारत एकमात्र देश है। सरस्वती, दुर्गाजी, लक्ष्मीजी के बिना कोई कल्पना नहीं की जा सकती।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में राष्ट्रपति के पद पर महिला हैं।
डॉ. मोहन यादव ने अगले चुनावों में महिलाओं की अहमियत रेखांकित की। अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2028-29 के चुनाव में स्पष्ट हो जाएगा कि बहनों को महत्व कौन देता है। पूरे विश्व के लिए लिए यह आदर्श उदाहरण बनेगा।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी, विकसित भारत की संकल्पना में चार वर्गों पर फोकस रखने की बात कह चुके हैं। वे गरीब, युवा, महिलाओं और किसानों को देश की सबसे बड़ी जाति बताते हुए इनके उत्थान के लिए ही काम करने का संकल्प जताते हैं।