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10वीं-12वीं की परीक्षा 25 फरवरी से शुरू हुई। 3888 केंद्रों पर 18 लाख विद्यार्थी शामिल हुए। 25 मार्च को परीक्षा खत्म हुई। परीक्षा में 6 पेपरों में कोई नकल प्रकरण नहीं बना। ग्वालियर-चंबल संभाग में नकल में गिरावट आई है। सबसे ज्यादा मंडला व सागर में नकल प्रकरण बने।
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माशिमं सचिव केडी त्रिपाठी ने बताया, हर केंद्र पर लोहे का बॉक्स रखा था। इसे ईमानदारी की पेटी नाम दिया। इसमें छात्रों ने ईमानदारी से नकल सामग्री, जिसमें गाइड चिट डाल दी। परीक्षा के दौरान कई केन्द्रों पर पेटी में चिट पाई गई। इससे मप्र में नकल रोकने में मदद मिली।
अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान में बने सबसे ज्यादा नकल
● इस बार सबसे अधिक नकल प्रकरण 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान में बने। ● 13 मार्च को 10वीं के पेपर में 26 प्रकरण। ● 12वीं में सबसे अधिक 28 फरवरी को अंग्रेजी की परीक्षा में 21 प्रकरण बने। ● 17 मार्च को 12वीं के इतिहास और रसायन में 10 नकल प्रकरण बने। ● 10 मार्च को 10वीं के गणित में 6 व 10वीं के अंग्रेजी विषय में 9 प्रकरण बने।