प्रदेश के अशोकनगर में रात से ही आसमान में अचानक घने बादल छा गए और शहर में हल्की बूंदाबांदी हुई। वहीं मुंगावली क्षेत्र में रात में तेज बूंदाबांदी शुरू हो गई। रात तीन बजे से शुरू हुई बूंदाबांदी रुक-रुककर कई बार जारी रही। इसके साथ ही दिन में भी बादल छाए रहे।
यह भी पढ़ें: एमपी की बड़ी नदी सूखी, 470 किमी लंबे इलाके में मच गया हाहाकार
यह भी पढ़ें: एमपी में दो से अधिक संतानों पर बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
बारिश के कारण किसान अपनी कटी हुई फसलों को बचाने के लिए तिरपालों से ढंकते नजर आए। वहीं तेज बूंदाबांदी से हार्वेस्टरों व रीपर मशीनों से कटाई रुक गई हालांकि मजदूरों से कटाई का दौर जारी रहा। किसानों के मुताबिक फसलों की कटाई चल रही है और ऐसे में बारिश होती है तो फसलों में नुकसान का डर है।
यह भी पढ़ें: एमपी में दो से अधिक संतानों पर बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
बारिश के कारण किसान अपनी कटी हुई फसलों को बचाने के लिए तिरपालों से ढंकते नजर आए। वहीं तेज बूंदाबांदी से हार्वेस्टरों व रीपर मशीनों से कटाई रुक गई हालांकि मजदूरों से कटाई का दौर जारी रहा। किसानों के मुताबिक फसलों की कटाई चल रही है और ऐसे में बारिश होती है तो फसलों में नुकसान का डर है।
राजस्थान व मप्र में चक्रवातीय परिसंचरण
मौसम अधिकारियों के मुताबिक दो चक्रवातीय परिसंचरण बने हुए हैं, जिनमें एक तो उत्तर-पूर्वी राजस्थान व दक्षिण हरियाणा के ऊपर और दूसरा उत्तर-पश्चिमी मप्र में चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है। इनकी वजह से मौसम में बदलाव हुआ और अरब सागर से नमी आने से अचानक बादल छा गए व बूंदाबांदी हुई।
मौसम अधिकारियों के मुताबिक दो चक्रवातीय परिसंचरण बने हुए हैं, जिनमें एक तो उत्तर-पूर्वी राजस्थान व दक्षिण हरियाणा के ऊपर और दूसरा उत्तर-पश्चिमी मप्र में चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है। इनकी वजह से मौसम में बदलाव हुआ और अरब सागर से नमी आने से अचानक बादल छा गए व बूंदाबांदी हुई।
मौसम अधिकारियों का कहना है कि 18, 19 व 20 मार्च को फिर से बादल छाने व बूंदाबांदी का अनुमान है। ऐसे में बारिश की आशंका देख जिले में किसानों ने फसलों को बचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं और बड़ी संख्या में किसान तिरपाल खरीदते नजर आए।