इसमें दिसंबर और जनवरी में पिछले सालों के मुकाबले जहां अधिक सर्दी रही वहीं फरवरी में सर्दी का प्रभाव कम रहा। सर्दी का सीजन भी 28 फरवरी तक माना जाता है। इस समय हवा का रुख लगातार दक्षिणी होने लगा है। तीखी धूप पड़ने लगी है। ऐसे में दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो गया है। इस समय न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक चल रहे हैं, ऐसे में रात में भी सर्दी का असर कम हुआ है।
हल्के बादल, पारे में फिर उछाल
गुरुवार को मौसम का मिजाज बदला रहा। सुबह से धूप खिली रही, तो दोपहर बाद हल्के और आंशिक बादल भी दिखाई दिए। ऐसे में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में फिर बढ़ोतरी का क्रम रहा। ये भी पढ़ें:
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इस बार लगातार पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बन रही है, इसलिए तापमान में उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। मार्च माह में जो ट्रेंड रहता है, वह दूसरे पखवाड़े से तापमान में बढ़ोतरी अधिक दिखाई देती है। इस बार भी इसी तरह की उम्मीद हम कर सकते हैं। क्योंकि आगे 48 घंटे बाद यानि 2 मार्च को एक और पश्चिमी विक्षोभ की संभावना है।
ऐसे में हवा का रूख बार-बार बदलता है। ऐसे में पहले पखवाड़े में इसी तरह की स्थिति रह सकती है।वहीं 4 मार्च से भोपाल, सीहोर, नर्मदापुरम, इंदौर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन के कई हिस्सों में आंधी के साथ कहीं-कहीं बारिश की संभावन भी है। इससे पहले दिन-रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।