बता दें कि दिनेश, जिले के पेद्दाकोरमा का रहने वाला है। कम उम्र में ही नक्सली इसे अपने साथ लेकर चले गए थे। हथियार चलाना, एंबुश लगाना, ID प्लांट करने की गुर सिखाए। जब दिनेश इन सभी चीजों में माहिर हुआ तो उसे
नक्सल संगठन में एरिया कमेटी मेंबर बनाया गया। गंगालूर इलाके में लगातार बड़े हमले करता गया। इलाके में लगातार दहशत बनाकर रखी थी।
बीजापुर की नक्सल घटनाओं का मास्टरमाइंड था दिनेश
इसके काम को देखकर बड़े लीडर्स ने इसे गंगालूर एरिया कमेटी का सचिव और DVCM कैडर दिया का जिम्मा दिया। बीजापुर जिले में हुई नक्सल घटनाओं में अधिकांश घटनाओं का यही मास्टरमाइंड है। नक्सल संगठन को इसने मजबूती देने का काम किया था। वहीं अब पुलिस का लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। साथ ही एनकाउंटर के डर से इसने परिवार के साथ समर्पण कर लिया है। नक्सल संगठन में रहते दिनेश AK-47, इंसास, SLR जैसे हथियार चलाता था। हालांकि, इसके आत्म समर्पण करने का खुलासा अब तक बीजापुर पुलिस ने नहीं किया है।
खूंखार नक्सली हिड़मा-देवा के साथ भी किया काम
दिनेश, नक्सल संगठन के
हार्डकोर नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा, बटालियन नंबर 1 का कमांडर देवा, दामोदर, सुजाता, विकास जैसे बड़े नक्सली कैडर्स के साथ काम कर चुका है। नक्सलियों के स्ट्रैटजी से लेकर संगठन की तमाम जानकारी इसके पास है। पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।