CG News: निर्माणाधीन मकान को ढहाया गया
ग्रामीणों के अनुसार गंगालूर टोंडापारा निवासी सोमलु हेमला के निर्माणाधीन मकान को सोमवार की सुबह गंगालूर तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान
जेसीबी मशीन से तोड़ दिया। इस दौरान घर में कोई नहीं था। जब तक इसकी किसी को खबर लगती उससे पहले उसे निर्माणाधीन मकान को ढहा दिया गया। जब इसकी खबर गांव में लगी तो ग्रामीणों ने बैठक कर चक्काजाम, धरना कर विरोध करने का निर्णय लिया गया।
आश्वासन मिलने पर धरना से उठे ग्रामीण
धरना में जिला पंचायत सदस्य पुष्पा राव, सरपंच राजू कलमू सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों के समर्थन में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं बस्तर जिला प्रभारी जी.वेंकट, भाजपा जिलाध्यक्ष घासी राम नाग, पूर्व नपा अध्यक्ष सुखलाल पुजारी धरना स्थल गंगालूर पहुंचे थे। उन्होंने अधिकारियों को अपनी मनमानी से बाज आने की नसीहत दी। करीब 12 बजे जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ बैठक कर निराकरण का आश्वासन मिलने पर ग्रामीण धरना से उठे। रिकॉर्ड में चढ़ाने के नाम पर पचास हजार की मांग की थी
पीड़ित सोमलू हेमला: गांव के पटवारी भानु प्रताप चिड़ियम मकान निर्माण के दौरान 5 डिसमिल जमीन को रिकॉर्ड में चढ़ाने के नाम पर पचास हजार रुपए की मांग की थी। जिसे नहीं देने पर तहसील गंगालूर ने दो बार नोटिस जारी किया। दोनों नोटिस निर्माणाधीन मकान के दीवाल में चिपकाया गया था।
न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत हुई कार्रवाई
बीजापुर एसडीएम जागेश्वर कौशल: तहसीलदार गंगालूर सभी पक्षों के बयान के उपरांत न्यायालीन प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की है।
भाजपा सरकार आदिवासियों पर कर रही अत्याचार
क्षेत्रीय विधायक और कांग्रेस नेता विक्रम मंडावी ने प्रेस नोट जारी कर गंगालूर के आदिवासी युवक सोमलू हेमला के मकान को बुलडोजर चला कर तोड़े जाने की घटना की कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा जब से प्रदेश में भाजपा की
विष्णुदेव सरकार बनी है तब से लगातार आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े है। विधायक विक्रम ने मांग करते हुए कहा है कि आदिवासी युवक सोमलू को न्याय और मुहावजा तत्काल मिले।
तहसीलदार और पटवारी के विरोध में लगाए नारे
CG News: गंगालूर सरपंच राजू कलमुम ने बताया कि 22 अगस्त 2024 को पीड़ित सोमलू हेमला पंचायत को मकान बनाने के लिए पंचायत को आवेदन दिया था जिसका प्रस्ताव पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से पारित किया गया था। जिसके बाद 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर हुई विशेष ग्राम सभा में उन्हें मकान बनाने की अनुमति ग्राम सभा में दी गई थी।