इन क्षेत्रों में हैं जर्जर मकान-इमारतें शहर में करीब डेढ दर्जन क्षेत्रों में जर्जर मकान और इमारतें हैं। निगम जानकारी अनुसार ये जर्जर मकान व इमारतें बिस्सा चौक, बारह गुवाड़, रघुनाथसर कुआ, मोहता चौक, रत्ताणी व्यास चौक, लक्ष्मीनाथ घाटी, झंवरों का चौक, रंगारों की मस्जिद क्षेत्र, छींपों का मोहल्ला, दतरी बाहेती चौक, सेवगों की गली, आचार्य चौक, सोनी सिंगिया चौक, सुथारों की बड़ी गुवाड़, रामपुरिया हवेली के पीछे, तेलीवाड़ा चौक आदि क्षेत्रों में 78 जर्जर मकान-इमारतें स्थित है।
जर्जर हिस्सा तीन दिवस में हटाने अथवा मरमत का नोटिस नगर निगम की ओर से जर्जर मकानों-इमारतों को लेकर नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 के अन्तर्गत नोटिस जारी किए जा रहे है। नोटिस में निगम उपायुक्त की ओर से बताया गया है कि मकान की जर्जर अवस्था के चलते किसी भी समय गिर सकता है। जिसके फलस्वरूप पडोसियों के मकानों व आम नागरिकों के जन जीवन को खतरा पैदा हो सकता है। मकान को तकनीकी विशेषज्ञ की देखरेख में सुरक्षित रूप से गिराने, जर्जर हिस्से को हटाने या सुरक्षित स्थिति में लाने के लिए अविलब आवश्यक मरमत कार्य करवाने के लिए कहा गया है।
साल दर साल ढह रहे शहर में हर साल दो से तीन पुराने और जर्जर इमारतें – मकान ढह रहे है। कई बार जर्जर मकानों-इमारते ढहने से हादसा होते-होते बचा है। कई स्थानों पर घरेलु सामान को नुकसान हो चुका है। पुराना शहर में एक व्यक्ति की जान भी जा चुकी है।
कार्यवाही के निर्देश जर्जर मकानों-इमारतों को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके है। निगम की ओर से नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जर्जर मकानों-इमारतों के खतरनाक हिस्सों को हटाने के लिए अथवा संबंधित से मरमत कार्य सुनिश्चित करवाए जाने के लिए भी कहा जा चुका है।
मयंक मनीष, आयुक्त, नगर निगम, बीकानेर।