पैसे नहीं होने की बात पर कोर्ट में मामला पेस करने की धमकी दी। डरे-सहमें युवक ने जब अपने सोर्स से पामगढ़ थाने से इसकी जानकारी ली, तो पता चला वहां ऐसा कोई केस दर्ज नहीं है। इस पर युवक ने सिटी कोतवाली थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
साइबर फ्रॉड आए दिन ठगी के नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। इनके झांसे में जो आ गया, वो ठगी का शिकार हो गया, जिसने सतर्कता बरती वह बच गया। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है। एमए फाइनल की छात्रा अन्नू गंधर्व के पास 11 अप्रैल को सुबह 07.13 पर एक अंजान नंबर से कॉल आया।
कॉलर ने स्वयं को पामगढ़ थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी बताया। कहा ‘उसके और उसके परिजनों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामला यहीं रफादफा कराना है तो तत्काल उसके इसी नंबर पर 30 हजार रुपए ऑनलाइन सेंड करो। नहीं किए तो कोर्ट में मामला पेश करूंगा।
इस पर अन्नू ने जब उसका नाम पूछा तो उसने कहा ‘ नाम से क्या काम, जो बोल रहा हूं, वो करो। ’ डरी-सहमी अन्नू ने कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं। इस पर कॉलर ने कहा ‘ ठीक है, तुम भी क्या याद करोगे, 15 हजार रुपए ही भेज दो, मैं बना लूंगा।’ इस पर अन्नू ने समय मांगा।
दोस्त और बहन ने की मदद, केस दर्ज की बात झूठी
कॉल से हैरान अन्नू और उनके परिजनों ने पता लगाना शुरू किया कि किसने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई होगी। इधर कॉलर का अन्नू के पास बार-बार धमकी भरे कॉल आ रहे थे। इसकी जानकारी अन्नू के दोस्त दीपक भदौरिया और बहन अलिसा को पता चली तो उन्होंने कॉलर का कॉल टेप कर लिया। इधर पामगढ़ थाने में पता लगाया गया कि क्या सच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। पता चला कि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने अज्ञात आरोपी के खिलाफ सिटी कोतवाली और पामगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अपराध दर्ज कर सारे पहलुओं की जांच कर अज्ञात आरोपी की तलाश में जुट गई है।
कॉलर ने बड़ी मां को भी दी यही धमकी
कॉलर ने न सिर्फ अन्नू, बल्कि उनकी बड़ी मां केजेबाई को भी कॉल कर ऐसी ही धमकी दी। इस पर दोनों ने इस बात को अपने परिजनों के समक्ष रखा। सभी तरह-तरह के कयास लगाने लगे कि आखिरकार किस मामले पर किसने एफआईआर दर्ज कराई होगी। यह पूछने पर कॉलर बात टालता रहा।