चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च से होने जा रही है, जो 6 मार्च तक चलेगी। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह साल के पहले नवरात्र माने जाते हैं। नवसंवत्सर के साथ ही नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दौरान आठ दिनों तक श्रद्धालु मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करेंगे।
Chaitra Navratri 2025: शुरुआत रेवती नक्षत्र से
पं. नवनीत व्यास का कहना है कि
नवरात्र काफी शुभ माने जाते हैं, लेकिन इसके साथ ही इस दिन कई संयोग इस दिन को और शुभता प्रदान करेंगे। नवरात्र की शुरुआत रेवती नक्षत्र और ऐंद्र योग में होगी, यह काफी शुभ माना जाता है।
इसी प्रकार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगी। इस बार चतुर्थी और पंचमी एकसाथ रहेगी, ऐसे में नवरात्र आठ दिन के होंगे। इसी प्रकार
रामनवमी का पर्व 6 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा।
इसलिए है चैत्र नवरात्र महत्वपूर्ण
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि
चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है, जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्र के पहले दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है, तो वहीं आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में इसे उगादी के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार चैत्र नवरात्र से नववर्ष के पंचांग की गणना शुरू हो जाती है।
वहीं चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन यानी नवमी तिथि पर रामनवमी का पर्व भी मनाया जाता है, जो भगवान राम की जन्म तिथि मानी जाती है। इन महत्वपूर्ण त्योहारों के पड़ने के कारण चैत्र नवरात्र की अवधि बहुत ही खास हो जाती है।
बेहद शुभ माना जाता है गज वाहन
ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार मां दुर्गा का आगमन और विदाई हाथी पर होगी। हाथी पर आगमन और विदाई को बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार हाथी सुख, समृद्धि और शक्ति प्रतीक है, जो उन्नति, आर्थिक प्रगति और सुख समृद्धि प्रदान करता है।
हाथी पर आगमन होने से इस बार फसले अच्छी होगी, व्यापारी वर्ग भी खुश रहेगा और सम्पन्नता आएगी। इस बार तिथि भेद के कारण नवरात्र आठ ही दिन के रहेंगे। ऐसे में सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग जैसे योग भी विद्यमान रहेंगे।
चैत्र नवरात्र की अवधि को आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए काफी शुभ माना जाता है।