नौकरी में रहने के दौरान राजस्व मामलों की बारीकी से जानकारी और रसूख का फायदा उठाते हुए उन्होंने अपनी जमीन के आसपास के सभी खसरों को समायोजित कर 15004 खसरा नंबर बना दिया। अब कब्जे की कुछ भूमि में गार्डन व कुछ भूमि को प्लॉट के रूप में टुकड़ों में बेच रहा है। पीड़िता ने तहसीलदार से उक्त खसरा नंबर की भूमि के नामांतरण पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है।
विधवा की जमीन पर पूर्व पटवारी का कब्जा
महिला ने आरोप लगाया कि पूर्व पटवारी और बिल्डर बृजेश साहू नामांतरण के जरिए इस कब्जे को वैध बनाने की कोशिश की जा रही है। कमला गडेरिया ने तहसीलदार कार्यालय में आपत्ति पत्र सौंपते हुए बताया कि उनके पास खसरा नंबर 971/7 में तकरीबन 1 एकड़ भूमि है। इसमें रकबा 0.40 डिसमिल भूमि को बृजेश साहू ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। उन्होंने अपने रकबे से अधिक भूमि पर टुकड़ों में बेचने के लिए टीएनसी से स्वीकृति भी करवा लिया है।
वह रकबे से ज्यादा पर काबिज, मुझे मेरी जमीन दिलवा दीजिए
पीड़िता कमला गडेरिया ने शिकायत में तहसीलदार को न्यायालय का फैसला भी प्रस्तुत किया है, जिसमें उनके पक्ष में निर्णय दिया गया है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि बृजेश साहू अपने रकबे से अधिक भूमि पर काबिज है। उन्होंने कहा कि न्यायालय से फैसला आने के बावजूद बृजेश ने उनके खसरा नंबर 971/7 की भूमि पर कब्जा किया है। इसी भूमि में से टुकड़ों में लोगों को जमीन की बिक्री कर रहा है। ऐसे में महिला ने खसरा नंबर 15004 पर हुई समस्त खरीदी-बिक्री की नामांतरण पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुझे मेरा हक चाहिए। बड़े नेताओं से रिश्ते के बहाने अफसरों पर रौब
बृजेश साहू पहले
पटवारी रह चुका है। ऐसे में उसे रेवेन्यू मामलों की गहरी जानकारी है। इसके अलावा राजनीतिक और सामाजिक रूप से भी प्रभावशाली है। पीड़िता का आरोप है कि उनका जमीन का मामला तहसील कार्यालय में चल रहा है। आरोप है कि नेताओं से रिश्ते की आड़ में अफसरों पर अपने पक्ष में फैसला देने के लिए दबाव डाल रहा है।
मामले की करा रहे जांच
खमतराई में संबंधित खसरे की जमीन की शिकायत मिली है। इस संबंध में तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – संजय अग्रवाल, कलेक्टर बिलासपुर।