बिलासपुर व कोरबा जिले में अलर्ट जारी किया गया है। लक्षण वाले मरीजों का सैंपल जांच के लिए एम्स भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। बस जरूरी ऐहतियात बरतने की जरूरत है।
HMPV Virus in CG: प्रदेश में केवल एम्स में जांच करने की सुविधा
बालक को 27 जनवरी को निमोनिया की शिकायत पर भर्ती किया गया। अस्पताल में ही एचएमपीवी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद क्रॉस चेक के लिए सैंपल एम्स भेजा गया। वहां भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उनके परिजनों की जांच की गई। राहत की बात ये रही कि सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है। प्रदेश में केवल एम्स में जांच करने की सुविधा है।
नेहरू मेडिकल कॉलेज में जरूरी मशीन तो है लेकिन किट नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में केवल एक सैंपल जांच के लिए एम्स भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है।
सामान्य फ्लू व निमोनिया के मरीजों की हो रही एंट्री
स्वास्थ्य विभाग ने ओपीडी व आईपीडी में आने वाले सामान्य फ्लू, सांस में तकलीफ वाले मरीजों की एंट्री आईएचआईपी पोर्टल में एंट्री की जानी है। जरूरत पड़ने पर सैंपल जांच के लिए एम्स भेजा जाना है। अभी तक राजधानी समेत प्रदेश से कोई भी सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया है। खांसने, छींकने, मुंह, नाक व आंख को छूने से ये बीमारी फैल सकती है, जैसा कि कोरोना व स्वाइन फ्लू में होता है। HMPV से बचने के उपाय
- नियमित रूप से साबुन से हाथ धोना।
- सेनेटाइजर का उपयोग करना।
- अस्पताल व भीड़ वाली जगहों पर मास्क लगाना।
- बीमार लोगों से दूर रहना।
- खांसते व छींकते समय मुंह पर रूमाल लगाना।
- सांस संबंधी बीमारी होने पर घर में रहना।
HMPV Virus in CG: डॉ. सुरेंद्र पामभोई, स्टेट नोडल अफसर महामारी नियंत्रण: बच्चे की हालत स्थिर है और तीन दिनों से स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है। प्रदेश में एचएमपीवी की जांच के लिए केवल एक सैंपल भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि अलर्ट रहने की जरूरत है।
डॉ. प्रमोद तिवारी, प्रभारी सीएमएचओ, बिलासपुर: बालक कहीं बाहर नहीं गया था। आशंका है कि बाहरी व्यक्ति के संपर्क में आकर एचएमपीवी संक्रमित हुआ होगा। राहत की बात रही कि पैरेंट्स की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बालक का स्वास्थ्य लगातार सुधर रहा है। खतरे वाली कोई बात नहीं है।