यह वही कंपनी है, जिसे बिलासपुर रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट का करीब 392 करोड़ रुपए का काम मिला है। ऐसे में अब रेलवे के अन्य अफसरों में भी हड़कंप मचा हुआ है। सीबीआई की टीम झाझरिया कंपनी को मिले सभी कामों के दस्तावेजों को एकत्रित करने में लगी हुई है।
CG News: बोर्ड स्तर से भी हो सकती है कार्रवाई
जानकारों का मानना है कि बड़े पैमाने पर रेलवे का ठेका झाझरिया कंपनी को मिला है। ऐसे में अन्य अफसरों की मिलीभगत का भी अंदेशा लगाया जा रहा है। फिलहाल
बिलासपुर स्टेशन का अमृत स्टेशन योजना के तहत री-डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है। ऐसे में आरोपी ठेकेदार की झाझरिया कंपनी को ही इस काम को करने के लिए 392 करोड़ का ठेका मिला है। इस ठेके के संबंध में भी सीबीआई जांच कर रही है कि कहीं इतने बड़े ठेके को पाने के लिए भी लेन-देन हुआ हो।
इस तरह के काम किए हैं झाझरिया कंपनी ने
झाझरिया कंपनी बहुत समय से रेलवे के कामों को करती आ रही है। इसमें कंपनी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए विभिन्न निर्माण कार्य कर रही थी, जिसमें छोटे-बड़े पुल, रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी), रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी), और ट्रैक लाइनिंग जैसे कार्य शामिल थे। इन कामों को पाने के लिए ठेकेदार रेलवे के बड़े अफसरों से सांठगांठ कर ठेका आसानी से पा जाता था। रेलवे अफसरों के मुताबिक, एक-दो दिनों में
सीबीआई के कुछ अफसर बिलासपुर पहुंचने वाले हैं, जो कंपनी के पुराने कामों की भी फाइलों की जांच करेंगे।
स्टेशन री-डेवलपमेंट में आंशिक प्रभाव
झाझरिया कंपनी को ही बिलासपुर स्टेशन री-डेवलपमेंट के लिए 392 करोड़ का ठेका दिया गया है। ठेकेदार पर कार्रवाई से स्टेशन री-डेवलपमेंट के काम में आंशिक प्रभाव पड़ा है। सीई पर रेलवे बोर्ड निलंबन की कार्रवाई करेगा। ठेकेदार के संबंध में सभी जांच सीबीआई की टीम कर रही है।