मामले का खुलासा 9 मार्च 2025 को तब हुआ जब मुखबिर की सूचना पर राजकिशोर नगर स्थित ऊर्जा पार्क के पास से अथर्व सौम्य सिंह और एक नाबालिग को 55 नग नशीली कफ सिरप के साथ पकड़ा गया। जांच में पता चला कि यह प्रतिबंधित सिरप झारखंड के देवघर स्थित मेडिकल स्टोर से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए मंगाई गई थी।
जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने मामले के मुख्य सरगना टानू उर्फ तानु उर्फ भांचा महंत को 3 माह फरार रहने के बाद 4 जून 2025 को गिरफ्तार किया था। आरोपी टानू ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह झारखंड के राज मेडिकल संचालक रितुराज सिंह से संपर्क कर दूसरे के खाते से पैसे ट्रांसफर करवाकर सिरप मंगाता था।
ऐसे की गई गिरफ्तारी
राज मेडिकल से प्राप्त तकनीकी साक्ष्य और बैंक ट्रांजैक्शन की जांच में यह बात सामने आई कि
नशीली सिरप की सप्लाई के पीछे नवचेतन मेडिकल एजेंसी का हाथ है, जिसका संचालक कृष्ण कुमार बरनवाल है। इस पर पुलिस टीम ने देवघर पहुंचकर लक्ष्मी मार्केट में दबिश दी और आरोपी कृष्ण कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
पहले वह पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा, फिर अपराध स्वकीर कर लिया। उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन भी जब्त किया गया। साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर बिलासपुर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।