8th Pay Commission आया तो पेंशनरों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान? एक्सपर्ट ने बताया सच
भ्रामक खबरों में दावा था कि फाइनेंस बिल 2025 में सीसीएस पेंशन रूल्स 2021 के रूल 37 को संशोधित किया गया है। पेंशन विभाग ने वित्त मंत्रालय, पर्सनल विभाग, कानून विभाग और CAG से मंत्रणा के बाद इस संशोधन को मंजूरी दी है।
8th Pay Commission को लेकर मीडिया में कई भ्रामक जानकारी चल रही हैं। एक्सपर्ट का कहना है उन पर ध्यान न दें।
8th Pay Commission के लागू होने के बाद पेंशनरों का न तो महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) बढ़ेगा और न ही उन्हें नए वेतन आयोग का कोई फायदा मिलेगा…ऐसी खबरों को पत्रिका के एक्सपर्ट ने भ्रामक बताया है। उनके मुताबिक सरकार ने अभी 8वें वेतन आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके अलावा सरकार की ओर से आयोग के गठन को लेकर आगे की कार्रवाई जारी है। इसमें आयोग के सदस्यों का चयन, Term of Reference तैयार करना आदि कार्रवाई बाकी है। 8वें वेतन आयोग में क्या बेनिफिट मिलेंगे-क्या कटेंगे, यह कमेटी बनने के बाद ही तय होगा।
महंगाई भत्ते की गणना करने वाले एजी ऑफिस ब्रदरहुड प्रयागराज के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी के मुताबिक 8वें वेतन आयोग के सदस्यों का चयन होना अभी बाकी है। कमेटी बनने के बाद सरकार उन्हें Term of Reference देगी, जिस पर उन्हें विचार करना होगा। कमेटी नए वेतन आयोग के बेनिफिट-डिडक्शन आदि तय करने के बाद अपनी सिफारिश सरकार को भेजेगी। फिर सरकार तय करेगी की क्या रखना है और क्या हटाना है। अभी जो भी जानकारी आ रही है, उसका वेतन आयोग से कोई ताल्लुक नहीं है।
क्या होता है Terms of Reference
तिवारी के मुताबिक 8th Pay Commission के Terms of Reference तय करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। ये उस आयोग के दायरे, उद्देश्यों, कार्यप्रणाली और रिपोर्टिंग टाइमलाइन को स्पष्ट करता है। इसमें वेतन ढांचे की समीक्षा, पेंशन सुधार, भत्ते, कार्य कुशलता व प्रदर्शन और कार्य स्थितियों में सुधार से जुड़ी बातें होती हैं।
पेंशन को लेकर खबरें भ्रामक
बता दें कि बीते दिनों कुछ ऐसी भ्रामक खबरें आईं थीं, जिनमें दावा था कि फाइनेंस बिल 2025 में सीसीएस पेंशन रूल्स 2021 के रूल 37 को संशोधित किया गया है। पेंशन विभाग ने वित्त मंत्रालय, पर्सनल विभाग, कानून विभाग और CAG से मंत्रणा के बाद इस संशोधन को मंजूरी दी है।
क्या कहता है नियम संशोधित रूल 37 (29सी)
संशोधित रूल के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी को अनुशासनहीनता पर पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) से बर्खास्त किया जाता है तो सरकार उसके सभी रिटायरमेंट बेनिफिट खत्म कर सकती है। इस बेनिफिट में उसे रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है। इस प्रावधान के मुताबिक अगर कोई पीएसयू कर्मचारी, जो पहले सरकारी पद पर रह चुका है, को अनुशासनहीनता पर बर्खास्त किया जाता है तो उसके रिटायरमेंट बेनिफिट जब्त कर लिए जाएंगे। यह पुराने नियम से अलग है, जिसमें कहा गया था कि पीएसयू से बर्खास्त किए जाने पर पहले की सरकारी सेवा का पेंशन बेनिफिट खत्म नहीं होगा।
पीएसयू वाला पार्ट बदला
सरकारी कर्मचारियों की नेशनल काउंसिल ज्वाइंट कंसलटेटिव मशीनरी (एनजेसीएम) के महासचिव एसजी मिश्रा ने बताया कि जो भ्रामक खबरें चल रही हैं, उनमें कहा गया है कि फाइनेंस बिल में संशोधन से महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी और वेतन आयोग के बेनिफिट पेंशनरों को नहीं मिलेंगे- यह सही नहीं है। संशोधित नियम में जिन कर्मचारियों को सरकारी सेवा से पीएसयू में लिया जाता है, उनकी अनुशासनहीनता पर बर्खास्तगी वाला पार्ट बदला गया है।
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