क्यों लिया गया फैसला?
RBI की यह कटौती कम होती महंगाई और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है। अप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई दर 3.16% के छह साल के निचले स्तर पर थी, जो RBI के 4% के लक्ष्य से काफी नीचे है। इसके साथ ही, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मंदी की आशंकाओं के बीच RBI ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए यह कदम उठाया।क्या होगा असर?
सस्ते होंगे लोन: रेपो रेट में कटौती से बैंकों के लिए RBI से कर्ज लेना सस्ता होगा, जिसका फायदा ग्राहकों को सस्ते होम, ऑटो और पर्सनल लोन के रूप में मिल सकता है।आर्थिक विकास को बढ़ावा: सस्ते कर्ज से कारोबार और उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जिससे MSME, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों को फायदा होगा।
पॉलिसी स्टांस में बदलाव: RBI ने अपनी पॉलिसी स्टांस को ‘एकोमोडेटिव’ से बदलकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया है, जो यह दर्शाता है कि भविष्य में रेट कट का दायरा सीमित हो सकता है।