इन-स्पेस मंजूरी की जरुरत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक को अब भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) से अंतिम मंजूरी की आवश्यकता है। कंपनी ने स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए जरूरी दस्तावेज पहले ही जमा कर दिए हैं। मंजूरी मिलने के बाद स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकेगी।
भारत में निवेश की चर्चा
पिछले महीने, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्टारलिंक के शीर्ष अधिकारियों, उपाध्यक्ष चैंड गिब्स और वरिष्ठ निदेशक रयान गुडनाइट के साथ बैठक की थी। इस दौरान स्टारलिंक की अत्याधुनिक तकनीक, मौजूदा साझेदारियों और भारत में भविष्य की निवेश योजनाओं पर चर्चा हुई। गोयल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “भारत में स्टारलिंक की योजनाएं देश में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देंगी।”
ग्रामीण क्षेत्र का रखा जाएगा ध्यान
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्रामीण क्षेत्रों में सैटेलाइट इंटरनेट की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि भारत, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में, सैटेलाइट इंटरनेट की पहुंच को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। स्टारलिंक, जो एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की सहायक कंपनी है, वैश्विक स्तर पर सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करती है।
एलन मस्क कर सकते हैं दौरा
हाल ही में एलन मस्क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसकी जानकारी पीएम मोदी ने एक्स पर साझा की। उन्होंने बताया कि मस्क के साथ टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा हुई, और भारत अमेरिका के साथ इन क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। सूत्रों के मुताबिक, मस्क इस साल के अंत तक भारत का दौरा कर सकते हैं। स्टारलिंक की सेवाओं के शुरू होने से भारत के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंच में क्रांति की उम्मीद है।