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Income Tax में चाहिए छूट तो ये 5 डिडक्शन क्लेम करना न भूलें, हो जाएगी काफी बचत

Income Tax Return: टैक्सपेयर्स सेक्शन 80TTA के तहत बचत खाते से प्राप्त ब्याज पर 10 हजार रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। वहीं, 60 साल से ऊपर के टैक्सपेयर्स 50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

भारतJul 02, 2025 / 03:48 pm

Pawan Jayaswal

Income Tax Return

अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर फाइल कर रहे हैं, तो कई टैक्स डिडक्शंस का फायदा उठा सकते हैं।

Income Tax Return: जुलाई का महीना शुरू होते ही इनकम टैक्स रिटर्न भरने की रफ्तार भी तेज हो जाती है। 30 जुलाई 2025 तक 67 लाख आईटीआर भरे जा चुके हैं। इस बार इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लास्ट डेट 15 सिंतबर 2025 है। हालांकि, आपको आखिरी तारीख तक इंतजार नहीं करना चाहिए और जितना जल्दी हो सके आईटीआर फाइल कर देनी चाहिए। अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम में आईटीआर फाइल करने वाले हैं, तो आप कई तरह के डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इससे आपकी इनकम टैक्स देनदारी घट जाएगी। आइए इन डिडक्शंस के बारे में जानते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए डिडक्शन

अगर आपकी उम्र 60 साल से कम है, तो आप सेक्शन 80डी के तहत अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं। यह टैक्स छूट आपको वित्त वर्ष के दौरान अपने और अपने डिपेंडेंट्स (पत्नी, बच्चों) के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए किये गए भुगतान के लिए मिलेगी। अगर आपके पेरेंट्स 60 साल से कम उम्र के हैं, तो उनके इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी आप 25,000 रुपये तक की अतिरिक्त छूट पा सकते हैं। अगर आपके पेरेंट्स 60 साल या इससे अधिक उम्र के हैं, तो यह डिडक्शन 50,000 रुपये तक जा सकता है।
इसके अलावा, प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप्स के लिए 5000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन भी मिलता है। हालांकि, यह 5000 रुपये का डिडक्शन पेरेंट्स की उम्र के हिसाब से 25 हजार या 50 हजार रुपये की ओवरऑल लिमिट में शामिल रहता है। अगर आप सीनियर सिटीजंस के बीमा प्रीमियम पर रकम खर्च नहीं कर रहे हैं, तो आप सीनियर सिटीजन पेरेंट्स पर हुए मेडिकल खर्च पर 50,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

EPF के लिए डिडक्शन

कई वेतनभोगी कर्मचारी ईपीएफ स्कीम में कवर होते हैं। टैक्सपेयर्स सेक्शन 80सी के तहत ईपीएफ में स्वयं द्वारा किये गए योगदान पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। ध्यान रखें कि अगर कर्मचारी का ईपीएफ और वीपीएफ अकाउंट में योगदान एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक जाता है, तो बढ़े हुए अमाउंट पर अर्जित ब्याज टैक्सेबल होता है।

PPF स्कीम में निवेश के लिए डिडक्शन

अगर आप पीपीएफ या टैक्स सेविंग एफडी और दूसरे स्पेसिफिक इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं, तो धारा 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
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ELSS म्यूचुअल फंड में निवेश पर डिडक्शन

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स यानी ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। आप इस स्कीम में निवेश करके सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, आप धारा 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का ही क्लेम कर सकते हैं।

बचत बैंक खाते के ब्याज पर टैक्स डिडक्शन

आयकर अधिनियम के सेक्शन 80TTA के तहत 60 साल से कम उम्र के निवासी और HUF बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक या पोस्ट ऑफिस के बचत खाते से प्राप्त ब्याज पर 10,000 रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं। वहीं, सीनियर सिटीजंस एफडी, सेविंग अकाउंट, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट से प्राप्त ब्याज के लिए 50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

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