विशेषज्ञता सीमा पूरी नहीं करने के बावजूद AT1 बॉन्ड बेचने का आरोप
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट और उसकी ओर से समीक्षा किए गए दस्तावेज़ों और कानूनी नोटिसों से पता चला है कि ग्राहकों को एक जटिल, उच्च जोखिम वाला साधन दुबई वित्तीय सेवा प्राधिकरण (DFSA) नियमों के तहत आवश्यक वित्तीय या विशेषज्ञता सीमा पूरी नहीं करने के बावजूद अतिरिक्त टियर-1 (AT1) बॉन्ड बेचे गए थे। वहीं अब बंद हो चुकी क्रेडिट सुइस की ओर से जारी किए गए इन बॉन्ड को मार्च 2023 में UBS के साथ आपातकालीन विलय के दौरान शून्य कर दिया गया, जिससे निवेशकों के पास कुछ भी नहीं बचा।
बैंक के रिलेशनशिप मैनेजरों ने आक्रामक रूप से निशाना बनाया
खलीज टाइम्स की खबर में कहा गया है कि डीएफएसए विनियमों के तहत, एटी1 बॉन्ड केवल “पेशेवर ग्राहकों” को बेचे जा सकते हैं – आम तौर पर वे जिनकी कुल संपत्ति $1 मिलियन से अधिक यानि लगभग 8 करोड़ 35 लाख रुपये है या उच्च जोखिम वाले उत्पादों में सिद्ध विशेषज्ञता है। फिर भी, बहुत कम प्रोफ़ाइल वाले खुदरा निवेशकों का आरोप है कि उन्हें एचडीएफसी बैंक के रिलेशनशिप मैनेजरों ने आक्रामक रूप से निशाना बनाया, जिन्होंने कथित तौर पर सुरक्षा उपायों को दरकिनार करने के लिए वित्तीय रिकॉर्ड में हेराफेरी की। इस संबंध में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और दुबई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र (डीआईएफसी) के नियामकों के समक्ष शिकायतें दर्ज की गई हैं, हालांकि औपचारिक जांच की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
निवेशक वरुण महाजन ने ढाई करोड़ रुपये गंवाए
प्रभावित लोगों में दुबई निवासी वरुण महाजन ने बताया कि एचडीएफसी बैंक की डीआईएफसी शाखा में अपने रिलेशनशिप मैनेजर की सलाह पर क्रेडिट सुइस के 4.5% सतत बांड में निवेश करने के बाद उन्होंने अपनी जीवन भर की बचत 300,000 डॉलर यानि करीब ढाई करोड़ रुपये गंवा दिए। महाजन ने कहा कि उन्हें बार-बार आश्वासन दिया गया कि बांड सुरक्षित हैं और भारत में अपनी सावधि जमाओं के बदले अमेरिकी डॉलर में ऋण लेकर वे बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं। उन्होंने कहा , “मैंने स्पष्ट कर दिया था कि मैं केवल कम जोखिम वाले निवेश चाहता हूँ, जिसमें निश्चित रिटर्न हो।”
यह विश्वासघात था, बिल्कुल भी पता नहीं था कि मुझे AT1 बॉन्ड बेचे जा रहे हैं
महाजन कहते हैं कि जब 2023 की शुरुआत में क्रेडिट सुइस संकट गहरा गया, तो उन्होंने चिंता जताई लेकिन बैंक ने कहा कि कीमतें फिर से बढ़ रही हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, “यह विश्वासघात था। मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि मुझे AT1 बॉन्ड बेचे जा रहे हैं। मुझे यह सब तब पता चला जब सब कुछ खत्म हो चुका था।”
बैंक ने केवाईसी दस्तावेजों में जालसाजी और उनमें हेराफेरी की: महाजन
महाजन ने आरोप लगाया कि उन्हें यह जानकर झटका लगा कि एचडीएफसी बैंक ने उनके केवाईसी दस्तावेजों में जालसाजी की है और उनमें हेराफेरी की है। भारत में दायर एक कानूनी नोटिस और पुलिस शिकायत में, उन्होंने बैंक पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी घोषित कुल संपत्ति को $400,000 (लगभग 3 करोड़ 34 लाख रुपये) से बढ़ाकर $2.4 मिलियन (लगभग 20 करोड़ रुपये) कर दिया है, बस आगे ‘2’ जोड़कर ताकि उन्हें डीएफएसए नियमों के तहत ‘पेशेवर ग्राहक’ के रूप में गलत तरीके से वर्गीकृत किया जा सके। वास्तव में, उनकी संपत्ति उस सीमा का एक अंश थी। खलीज टाइम्स की ओर से समीक्षा किए गए दस्तावेज इस विसंगति की पुष्टि करते हैं।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए, फिर भी बैंक ने लीवरेज लोन दिया
फिलीपींस स्थित एक अन्य भारतीय निवेशक एनएस ने बताया कि उन्होंने एचडीएफसी बैंक के माध्यम से क्रेडिट सुइस और स्टैंडर्ड चार्टर्ड एटी1 बांड में 200,000 डॉलर का निवेश किया है – यह निवेश भी दुबई स्थित रिलेशनशिप मैनेजर की सलाह पर किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एचडीएफसी बैंक ने बॉन्ड को कम जोखिम वाला बताकर गलत तरीके से पेश किया, उनके अनुरोध के बिना ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किया, उनके निवेशक प्रोफाइल में हेरफेर की और बाजार के जोखिमों के बारे में उन्हें चेतावनी दिए बिना उन्हें उच्च जोखिम वाले उपकरणों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “मैंने किसी ऋण समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए, फिर भी बैंक ने मुझे लीवरेज लोन दिया।”
मास्टर सर्विसेज एग्रीमेंट में बदलाव किया गया : एनएस
एनएस ने यह भी दावा किया कि उनके मास्टर सर्विसेज एग्रीमेंट में बदलाव किया गया, उनके रिलेशनशिप मैनेजर का नाम मिटा दिया गया और बदल दिया गया और मार्च 2023 में बॉन्ड को राइट ऑफ किए जाने के बाद भी वे उनके पोर्टफोलियो में दिखाई देते रहे। उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझे अंत तक गुमराह किया।” “बैंक के पास नेट बैंकिंग सुविधा नहीं थी, इस प्रकार सभी निवेशों को नियंत्रित किया जाता था।”
पंकज सिन्हा को एक करोड़ सड़सठ लाख रुपये से अधिक का नुकसान
इस तरह भारत में रहने वाले पंकज सिन्हा ने बताया कि एचडीएफसी की बहरीन शाखा के माध्यम से क्रेडिट सुइस और स्टैंडर्ड चार्टर्ड एटी1 बॉन्ड खरीदने के बाद उन्हें 200,000 डॉलर करीब एक करोड़ सड़सठ लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। गुड़गांव में दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक ने बॉन्ड को निश्चित परिपक्वता के साथ “पूंजी-संरक्षित” के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया।
यह धोखाधड़ी थी, हस्ताक्षर से पहले कभी भी पूर्ण सहमति नहीं दी गई: सिन्हा
उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया था कि वे 2026 और 2030 में परिपक्व होंगे। बाद में मुझे पता चला कि वे स्थायी थे और उन्हें मिटाया जा सकता था।” सिन्हा ने आरोप लगाया कि दुबई में एचडीएफसी अधिकारियों ने उन्हें व्हाट्सएप पर एक खाली केवाईसी फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, जिसे बाद में बैंक ने $4 मिलियन करीब तैंतीस करोड़ चालीस लाख रुपये की काल्पनिक नेटवर्थ के साथ भर दिया, ताकि उन्हें एक मान्यता प्राप्त निवेशक के रूप में वर्गीकृत किया जा सके। उन्होंने कहा, “यह धोखाधड़ी थी।” “दस्तावेजों को चुनिंदा रूप से शेयर किया गया था। हस्ताक्षर करने से पहले मुझे कभी भी पूर्ण सहमति नहीं दी गई।”
बैंक ने निवेश से बाहर निकलने केबार-बार अनुरोधों को नज़रअंदाज़ कर दिया
उन्होंने यह भी दावा किया कि बैंक ने निवेश से बाहर निकलने के उनके बार-बार अनुरोधों को नज़रअंदाज़ कर दिया। “इसके बजाय, वे मुझे आश्वस्त करते रहे कि यह पूंजी-संरक्षित है। जब बॉन्ड ढह गए, तो उन्होंने कॉल और व्हाट्सएप पर कही गई हर बात से खुद को दूर करने की कोशिश की।” एक अन्य निवेशक एक वरिष्ठ दूरसंचार अधिकारी एटी, ने जोहान्सबर्ग से खलीज टाइम्स से बात करते हुए ऐसी ही परेशानी शेयर की। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उनसे भारत में उनके रिलेशनशिप मैनेजर ने संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें एचडीएफसी की बहरीन शाखा में एक अन्य बैंकर से मिलाया।
केवल कमीशन कमाने के लिए इसमें धकेल दिया : एटी
एटी ने कहा, “वे जानते थे कि मेरी जोखिम उठाने की क्षमता बहुत ही रूढ़िवादी थी।” “फिर भी उन्होंने सबसे जोखिम भरा उत्पाद चुना – एटी1 बॉन्ड – और केवल कमीशन कमाने के लिए मुझे इसमें धकेल दिया।”
बॉन्ड सुरक्षित होने का भरोसा दे कर कर्ज के जाल में धकेला
उन्होंने कहा कि बैंक ने उन्हें बार-बार भरोसा दिलाया कि बॉन्ड सुरक्षित हैं और उन्हें 200,000 डॉलर तकरीबन एक करोड़ सड़सठ लाख रुपये निवेश करने के लिए राजी किया। बाद में, उन्होंने 400,000 डॉलर तीन करोड़ चौंतीस लाख रुपये का लीवरेज लोन दिया, जिसने उन्हें कर्ज के जाल में धकेल दिया।
बहरीन में लोन चुकाने के लिए भारत में सावधि जमा राशि भी खत्म कर दी
एटी ने बताया कि जब बॉन्ड खत्म हो गए तो उन्होंने वरिष्ठ बैंक अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा, “बहरीन में लोन चुकाने के लिए उन्होंने भारत में मेरी सावधि जमा राशि भी खत्म कर दी।”
अब दोनों देशों में कानूनी विकल्प तलाश कर रहे हैं एटी
भारत में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद एटी का कहना है कि अब वे दोनों देशों में कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। “इसकी जांच होनी चाहिए। बैंकिंग सिस्टम में लोगों का भरोसा दांव पर है।”
एटी 1 यानि एडिशनल टियर-1 (AT1) बॉन्ड क्या हैं ?
उल्लेखनीय है कि एडिशनल टियर-1 (AT1) बॉन्ड उच्च जोखिम वाले साधन हैं जिनका उपयोग बैंक पूंजी जुटाने के लिए करते हैं। नियमित बॉन्ड के विपरीत, यदि जारीकर्ता बैंक वित्तीय संकट में पड़ जाता है, तो उन्हें पूरी तरह से बट्टे खाते में डाला जा सकता है या इक्विटी में परिवर्तित किया जा सकता है। इसका मतलब है कि निवेशक अपना सारा पैसा खो सकते हैं – ठीक वैसा ही जब स्विस अधिकारियों ने 2023 में UBS के साथ आपातकालीन विलय के दौरान क्रेडिट सुइस के AT1 बॉन्ड को खत्म कर दिया था।
एचडीएफसी बैंक ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया
खलीज टाइम्स की ओर से विस्तृत पूछताछ के जवाब में एचडीएफसी बैंक ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया। बैंक ने एक बयान में कहा, “बैंक के पास उत्पाद की विशेषताओं को बताने और ग्राहकों को उत्पाद के लाभ और जोखिम को समझने में मदद करने के लिए मजबूत प्रक्रियाएं हैं।” “हम किसी भी तरह की गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हैं और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करते हैं।”
बैंक ने कहा, सब अटकलें, डीआईएफसी विनियामकों से मिले चेयरमैन
बैंक ने उन रिपोर्टों को भी “अटकलबाजी” करार दिया है, जिनमें कहा गया था कि उसके चेयरमैन ने कारण बताओ नोटिस के बाद डीआईएफसी विनियामकों से मुलाकात की है। उन्होंने संपर्क करने पर दुबई वित्तीय सेवा प्राधिकरण (DFCA) ने विनियामक कानून के अनुच्छेद 38 के तहत गोपनीयता दायित्वों का हवाला देते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।