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सीमित स्टॉक के बावजूद भारत का बड़ा कदम, 10 लाख टन चीनी निर्यात की तैयारी, ब्राजील के बाद सबसे बड़ा उत्पादक

India Sugar Export: भारत सरकार ने इंडियन शुगर एंड बायोफ्यूल एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) और राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के आग्रह पर 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आइए जानते है पूरी खबर।

नई दिल्लीJan 20, 2025 / 11:22 am

Ratan Gaurav

India Sugar Export

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India Sugar Export: भारत सरकार ने इंडियन शुगर एंड बायोफ्यूल एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) और राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के आग्रह पर 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया है। यह कदम देश के घरेलू बाजार में चीनी की गिरती कीमतों को स्थिर करने और चीनी मिलों को आर्थिक सहारा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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निर्यात अनुमति क्यों महत्वपूर्ण है? (India Sugar Export)

चीनी उद्योग वर्तमान में सीमित स्टॉक की स्थिति का सामना कर रहा है। इसके बावजूद, सरकार ने इस निर्यात को इसलिए अनुमति दी है ताकि मिलें गन्ना किसानों (India Sugar Export) का भुगतान समय पर कर सकें। यह कदम न केवल किसानों के लिए राहत साबित होगा बल्कि मिलों को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा का अवसर भी देगा।

भारत का चीनी उत्पादन 320 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान

इस्मा के अनुसार, चालू चीनी सीजन (जो अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल सितंबर तक चलता है) में भारत का चीनी उत्पादन 320 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। यह उत्पादन (India Sugar Export) पिछले साल के 300.77 लाख टन के आंकड़े से अधिक है। इस उत्पादन में से 28.5-29 मिलियन टन घरेलू खपत के लिए और लगभग 4 मिलियन टन इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग होने की संभावना है।

भारत का वैश्विक चीनी निर्यात में स्थान

भारत, ब्राजील के बाद, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक (India Sugar Export) और निर्यातक देश है। औसतन, भारत हर साल 68 लाख टन चीनी का निर्यात करता है। हालांकि, इस साल के शुरुआत में, चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था ताकि घरेलू आपूर्ति को प्राथमिकता दी जा सके। अब, सरकार ने सीमित मात्रा में निर्यात की अनुमति देकर संतुलन साधने का प्रयास किया है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की उपस्थिति बनाए रखने और घरेलू उद्योग को आर्थिक मजबूती प्रदान करने में सहायक होगा।

चीनी मिलों और किसानों पर प्रभाव

चीनी निर्यात से भारतीय चीनी मिलों को वैश्विक बाजार (India Sugar Export) में बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे उन्हें घरेलू स्तर पर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में सहायता होगी। किसानों को उनकी उपज का समय पर और उचित मूल्य मिलना सुनिश्चित करने के लिए यह एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

गन्ना किसानों की समस्याएं

  • किसानों को अक्सर उनके गन्ने का भुगतान समय पर नहीं मिलता।
  • मिलों पर बढ़ते आर्थिक दबाव के कारण किसानों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।

मिलों की चुनौतियां

  • घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट ने मिलों की आय को प्रभावित किया है।
  • इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि ने चीनी उत्पादन के संतुलन पर प्रभाव डाला है।

चीनी बाजार की वर्तमान स्थिति

भारत का चीनी सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। मौजूदा समय में घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण उत्पादन में वृद्धि और घरेलू मांग की स्थिरता है। हालांकि, सरकार का यह निर्णय बाजार में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
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ब्राजील और अन्य प्रतिस्पर्धा

दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक (India Sugar Export) देश ब्राजील से भारत का सीधा मुकाबला है। ब्राजील ने इस साल अपने चीनी उत्पादन और निर्यात में वृद्धि की है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम प्रभावित हुए हैं। भारत सरकार के इस निर्णय से ब्राजील के साथ प्रतिस्पर्धा में बने रहने की संभावना है।

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