GDP में देखी गई नरमी
बता दें कि हेडलाइन महंगाई दर आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4 प्रतिशत से लगातार नीचे बनी हुई है, जबकि हाल ही में अमेरिकी नीतिगत कदमों जैसे बाहरी झटकों के कारण जीडीपी वृद्धि में नरमी दिख रही है।
50 आधार अंक तक की जा सकती है कटौती- SBI रिपोर्ट
हाल ही में आई एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया था कि अनिश्चित माहौल को संतुलित करने के लिए आरबीआई जून एमपीसी में रेपो रेट में 50 आधार अंक तक की कटौती कर सकता है। वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट का कहना है कि आने वाली आरबीआई एमपीसी में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती हो सकती है।
होम लोन पर पड़ेगा प्रभाव
बता दें कि अगर रेपो रेट में 25-50 बेसिस पॉइंट की कटौती होती है, तो होम लोन की ब्याज दरें 7.75% से नीचे जा सकती हैं। वर्तमान में, कुछ पब्लिक सेक्टर बैंक जैसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र 8.1% से 8.25% की दर पर होम लोन दे रहे हैं।
कार लोन पर भी पड़ेगा प्रभाव
इसके अलावा कार लोन की ब्याज दरें भी 0.25% तक कम हो सकती हैं, बशर्ते बैंक पूरी कटौती का लाभ ग्राहकों को दें। वर्तमान में कार लोन की औसत ब्याज दर 9.2% है, और कटौती के बाद EMI में मामूली कमी हो सकती है। उदाहरण के लिए, 5 लाख रुपये के 5 साल के कार लोन पर ब्याज दर में 0.25% की कमी से सालाना कुछ हजार रुपये की बचत हो सकती है। अप्रेल में रेपो रेट की थी कम
बता दें कि अप्रेल 2025 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती की थी, जिससे रेपो रेट 6.25% से घटकर 6% हो गई। यह 2025 में दूसरी लगातार कटौती थी, जो 7-9 अप्रेल 2025 को हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में तय की गई। इस कटौती का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, विशेष रूप से अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव और भारत में धीमी आर्थिक वृद्धि के बीच विकास को बढ़ावा देना था। इसके परिणामस्वरूप, बैंकों ने होम, कार और पर्सनल लोन की ब्याज दरों में कमी शुरू की, जिससे EMI में राहत मिली।