बैंक से करें यह डिमांड
सबसे पहले आपको अपने बैंक या एनबीएफसी को अपनी स्थिति के बारे में बताना चाहिए। आप बैंक ब्रांच जाकर या ईमेल के माध्यम से भी ऐसा कर सकते हैं। आप बैंक से ईएमआई पेमेंट में राहत के लिए रिक्वेस्ट करें और बैंक से कुछ समय मांगें। बैंक से कहें कि वह आपको इतने समय तक ईएमआई के भुगतान से छूट दे। बैंक को साफ-साफ बताएं कि आप कब तक ईएमआई नहीं चुका पाएंगे। अब बैंक आपकी परिस्थिति को समझकर आपको कुछ राहत दे सकता है।
BT कराएं
अगर आपका लोन काफी अधिक ब्याज दर पर है और मार्केट में कोई दूसरा बैंक कम ब्याज दर ऑफर कर रहा है, तो आप मौजूदा लोन का बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें नया बैंक आपको कम रेट पर बड़ी रकम का लोन दे देगा। आप उस रकम से अपना पुराना लोन चुका दें। इससे आपको अब कम ब्याज दर वाले लोन की ईएमआई भरनी होगी, जिसका अमाउंट कम होगा। आप जितनी कम राशि का नया लोन लेंगे, उतनी कम रकम की आपकी ईएमआई बनेगी। कई बैंक बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करते हैं। नए लोन में जो अतिरिक्त रकम मिलती है, उससे आपकी पैसों की आकस्मिक नीड भी पूरी हो जाएगी।
रीस्ट्रक्चर कराएं लोन
आप मौजूदा लोन की ईएमआई नहीं भर पा रहे हैं, तो अपने लोन को रीस्ट्रक्चर करा सकते हैं। बैंक आपके लोन को रीस्ट्रक्चर कर देंगे, जिससे आपकी ईएमआई की रकम कम हो जाएगी। हालांकि, इससे आपको लोन की अवधि बढ़ जाएगी।
वन टाइम सेटलमेंट
अगर आप लोन चुकाने की स्थिति में बिल्कुल नहीं हैं और बैंक से राहत मिलने के बावजूद EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो बैंक आपको लोन सेटलमेंट का ऑफर दे सकता है। इसमें बैंक आपसे बकाया लोन की 10 से 50 फीसदी रकम एकमुश्त लेता है और बची हुई रकम को माफ कर देता है। आमतौर पर सेटलमेंट की रकम चुकाने के लिए 1 हफ्ते का समय मिलता है।