मैनेजमेंट फीस
फंड मैनेजरों को स्कीम के मैनेजमेंट के लिए पेमेंट किये जाते हैं। यह पैसा निवेशकों से मैनेजमेंट फीस के रूप में वसूला जाता है। इसे एक्सपेंस रेश्यो के रूप में भी जानते हैं।
अकाउंट फीस
अगर निवेशक न्यूनतम बैलेंस रखने की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाते, तो एसेट मैनेजमेंट कंपनियां उनसे अकाउंट फीस वसूलती हैं। यह फीस निवेशक के पोर्टफोलियो से डायरेक्ट काट ली जाती है। एंट्री लोड
जब निवेशक म्यूचुअल फंड यूनिट खरीदता है, तो फंड हाउस निवेशक से एंट्री लोड वसूलता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड पर एंट्री लोड नहीं लगता है।
एग्जिट लोड
जब इन्वेस्टर म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेचता है या रिडीम करवाता है, तो एसेट मैनेजमेंट कंपनी इन्वेस्टर से एग्जिट लोड लेती है। यह अलग-अलग स्कीम में अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर यह 0.25 फीसदी से 4 फीसदी तक होता है।
स्विच फीस
कई फंड हाउसेज निवेशकों को एक म्यूचुअल फंड स्कीम से दूसरी स्कीम में स्विच करने की सुविधा देते हैं। जब आप इस सुविधा का फायदा उठाते हैं, तो आपसे स्विच फीस वसूली जाती है। सर्विस और डिस्ट्रीब्यूशन चार्ज
एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्रिंटिंग, मेलिंग और मार्केटिंग जैसे खर्चों को पूरा करने के लिए निवेशकों से सर्विस और डिस्ट्रीब्यूशन चार्जेज वसूलती हैं।