Investment Tips: SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए हर महीने छोटी-छोटी राशि निवेश करना और हर साल निवेश राशि को 10% बढ़ाना (स्टेप-अप SIP) लंबी अवधि में एक प्रभावी रणनीति हो सकती है। इसके बाद, तय अवधि के बाद SWP (सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान) के जरिए सही रणनीति और राशि के साथ नियमित निकासी करने से आपको हर महीने निश्चित आय मिलती रहेगी, साथ ही आपका कॉर्पस भी बढ़ता रहेगा। इस रणनीति से आपका कॉर्पस कभी खत्म नहीं होगा।
SIP और SWP म्यूचुअल फंड से जुड़े दो अलग-अलग वित्तीय उपकरण हैं, जिनके उद्देश्य और कार्यप्रणाली में स्पष्ट अंतर है। SIP एक निवेश योजना है, जिसमें निवेशक नियमित अंतराल पर (जैसे मासिक या त्रैमासिक) एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करता है। इसका मुख्य उद्देश्य लंबे समय में संपत्ति निर्माण करना है, जो रुपये की लागत औसत (Rupee Cost Averaging) और चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding) के लाभ के माध्यम से होता है। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो बचत और भविष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं। दूसरी ओर, SWP एक निकासी योजना है, जिसमें निवेशक अपने म्यूचुअल फंड निवेश से नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि निकालता है।
निवेश का हिसाब-किताब
साल
मासिक निवेश (रु.)
कुल निवेश राशि (रु.)
कुल कॉर्पस (रु.)
1
5,000
60,000
64,700
5
7,333
3,66,435
5,32,241
10
11,790
9,56,470
19,78,709
15
19,000
19,06,349
55,00,015
20
30,830
34,36,500
1,39,00,000
SWP निकासी का गणित
साल
मासिक निकासी (रु.)
कुल निकासी (रु.)
बचा कॉर्पस (रु.)
1
1,50,000
18,00,000
1,40,00,000
5
1,50,000
90,00,000
1,50,00,000
10
1,50,000
1,80,00,000
1,72,00,000
15
1,50,000
2,70,00,000
2,17,00,000
20
1,50,000
3,60,00,000
3,07,00,000
महत्वपूर्ण सलाह
जोखिम का आकलन: पिछला रिटर्न भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं है। निवेश से पहले अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करें।
विशेषज्ञ सलाह: निवेश करने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। लंबी अवधि का दृष्टिकोण: यह रणनीति लंबी अवधि के लिए सबसे प्रभावी है।