क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना शुक्रवार को सामने आई थी। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पिछले शुक्रवार को यह मामला स्कूल के संज्ञान में आया। आरोप है कि शिक्षिका ने हिंदी कविता सुनाने में असमर्थ छात्र को दंडित किया था। घटना की जांच के बाद शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। जब पीडि़त छात्र के माता-पिता से संपर्क किया तो उन्होंने कहा था, ‘घटना कुछ दिन पहले हुई थी। बच्चे उस दिन परेशान थे। हमने स्कूल से कार्रवाई करने का अनुरोध किया और हमें विश्वास है वे बच्चे के पक्ष में कार्य करेंगे। पिछले सप्ताह हुई घटना के बाद राजाजी विद्याश्रम स्कूल में पढऩे वाले छात्र के अभिभावकों ने सीबीएसई स्कूल के मैनेजमेंट के सामने यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की। वहीं, स्कूल ने साफ किया है कि हिंसा के प्रति उनकी ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति है। इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
स्कूल का सख्त नियम
स्कूल प्रशासन ने दोहराया कि उनके दिशा-निर्देशों में शारीरिक दंड, मौखिक या भावनात्मक दुव्र्यवहार पूरी तरह से बैन है। इसी नीति के तहत शिक्षिका को सस्पेंड किया गया। हालांकि, स्कूल प्रशासन का कहना है कि यह मामला सिर्र्फ शिक्षिका और छात्र के माता-पिता के बीच का है। स्कूलों में शारीरिक दंड पर सख्ती के बावजूद इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय हैै। यह घटना सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई है। मामले में कई अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के फैसले की सराहना की है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि शिक्षकों को भी उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे बच्चों के साथ धैर्य और समझदारी से पेश आएं।