साथ ही 1,526 एकड़ जमीन से संबंधित दस्तावेज तथा 2.20 लाख रुपए की नकदी भी तमिलनाडु को सौंपी गई है। ये कीमती सामान कर्नाटक विधानसौधा कोषागार में रखे गए थे। अधिकारियों की मौजूदगी में औपचारिक रूप से इस संपत्ति को तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया। तमिलनाडु के पुलिस अधिकारियों के साथ एक टीम बेंगलूरु पहुंची थी, ताकि संपत्ति को अपने कब्जे में लिया जा सके। एक अधिकारी ने बताया था कि बेंगलूरु की एक विशेष अदालत ने जे. जयललिता की जब्त की गई कीमती वस्तुओं को सौंपने का आदेश दिया था।
संपत्ति में 11,344 रेशमी साडिय़ां, 468 सोने और हीरे के आभूषण और 7,040 ग्राम वजन के अन्य आभूषण, 750 जोड़ी चप्पल, घडि़यां और अन्य कीमती वस्तुएं तमिलनाडु सरकार को सौंपी गई हैं। इसके अलावा 250 शॉल, 12 रेफ्रिरेटर, 10 टेलीविजन सेट, आठ वीसीआर, एक वीडियो कैमरा, चार सीडी प्लेयर, दो ऑडियो डेक, 24 टेप रिकॉर्डर, 1,040 वीडियो कैसेट और पांच लोहे के लॉकर भी संपत्ति में शामिल हैं। अधिकारियों ने इन सभी सामान को आय से अधिक संपत्ति मामले में जब्त किया था।
जयललिता की भतीजी और भतीजे जे. दीपा और जे. दीपक ने जब्त सामान पर स्वामित्व का दावा करते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने इस संबंध में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में याचिका को खारिज कर दिया था।