राज्य ने मार्च में प्रभावित परिवारों को मुआवजा देना शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका वितरण मई तक पूरा होने की उमीद है। प्रस्तावित हवाईअड्डा क्षेत्र में स्थित एकनापुरम गांव के लोग 912 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विजय समेत कई राजनीतिक नेताओं ने मौके का दौरा किया और आंदोलनकारी ग्रामीणों के प्रति अपना समर्थन जताया।तमिलनाडु सरकार ने जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें परियोजना के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कदम बताए गए हैं, साथ ही चेन्नई के लिए दूसरे हवाईअड्डे की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने और उन्हें तुरंत पुनर्वासित करने के लिए व्यापक उपाय किए जाएंगे। पुनर्वास की निविदाएं जारी : सरकार ने प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की सुविधा के लिए पहले ही निविदाएं जारी कर दी हैं, जिसमें वैकल्पिक आवास और आवश्यक सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों के लिए सरकारी नौकरी और अन्य सहायता उपायों का भी वादा किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सरकार अपने वादों को पूरा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा और पुनर्वास मिले। हम सुनिश्चित करेंगे कि उनके कल्याण और आजीविका से समझौता न हो।’
प्रभावित समुदाय का ध्यान परंदूर साइट को सबसे पहले 2020 में अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा शॉर्टलिस्ट किया गया था। परंदूर प्रस्तावित चेन्नई-बेंगलूरु एक्सप्रेसवे के करीब है और इसमें कम प्रभावित परिवार शामिल हैं। तमिलनाडु सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि हालांकि यह परियोजना शहर के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन वह प्रभावित समुदायों के कल्याण के प्रति सचेत रहेगी।
तीन गुना अधिक मुआवजा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार भूमि मालिकों को मुआवजा, मौजूदा दिशानिर्देश मूल्य से तीन गुना अधिक होगा। क्षेत्र के आधार पर, दिशा-निर्देश मूल्य काफी भिन्न होता है। कुछ स्थानों पर दिशा-निर्देश मूल्य 2 लाख रुपए प्रति एकड़ है तो अन्य स्थानों पर 35 लाख रुपये प्रति एकड़ तक है।