शासकीय आम रास्ते पर कब्जा
किसानों का आरोप है कि खेतों के बीच बने शासकीय आम रास्ते पर कब्जा कर लिया गया है, जिससे उनकी आवाजाही बाधित हो रही है। कई बार आवेदन देने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से नाराज किसानों को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा। महाराजपुर तहसील के सिंहपुर गांव से आए किसानों ने मंगलवार को छतरपुर में आयोजित जनसुनवाई में अपनी अनोखी शैली से सबका ध्यान खींचा। सैकड़ों किसानों ने गले में आवेदनों की माला पहनी और ढोलक बजाते हुए अपनी समस्या को अधिकारियों के समक्ष रखा। किसान मुन्ना राजपूत, प्रेमशंकर कुशवाहा, जय सिंह राजपूत आदि ने बताया कि उनके खेतों के बीच से निकलने वाली पुश्तैनी जमीन पर बना शासकीय आम रास्ता है, जिस पर पटवारी राजेंद्र प्रसाद राजपूत और उनके परिवार ने कब्जा कर लिया है। इस अतिक्रमण के कारण रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने में भारी परेशानी हो रही है। किसानों ने बताया कि इस मामले में कई बार प्रशासन को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। मजबूरन उन्हें अपनी बात रखने के लिए आवेदनों की माला पहनकर और ढोलक बजाते हुए जनसुनवाई में आना पड़ा।
केवाईसी के बहाने हस्ताक्षर करवाकर धोखा किया
महाराजपुर तहसील क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अपने बड़े भाई पर दादा के साथ धोखाधड़ी कर जमीन का दानपत्र अपनी पत्नी के नाम लिखवाने का गंभीर आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि केवाईसी के बहाने हस्ताक्षर करवाकर यह धोखा किया गया। पीडि़त ने इस दानपत्र को निरस्त करने की मांग करते हुए मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में आवेदन सौंपा। ग्राम मनकारी निवासी विनोद पटेल ने बताया कि उनके बड़े भाई राकेश पटेल ने उनके दादा सूरा पटेल के साथ धोखाधड़ी की। विनोद के अनुसार, राकेश ने केवाईसी के बहाने सूरा पटेल को ले जाकर उनके हस्ताक्षर करवाए और उनकी जमीन का दानपत्र अपनी पत्नी कपूरी देवी पटेल के नाम लिखवा लिया। विनोद ने इस धोखाधड़ी को उजागर करते हुए उक्त दानपत्र को अवैध बताया और इसे निरस्त करने की मांग की। उन्होंने कलेक्टर से मामले की जांच कराकर न्याय दिलाने की अपील की ताकि दादा की जमीन वापस परिवार को मिल सके।