केमिकल और पाउडर मिले
अवधि में फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा यंत्र और अग्नि सुरक्षा उपकरणों के देखा गया। गुटखा फैक्ट्री में अंदर जाकर जब प्रशासनिक अमला ने निरीक्षण किया तो वहां कई प्रकार के लिक्विड केमिकल और पाउडर मिले, जिनमें से अजीब और तेज दुर्गंध आ रही थी। यह पाया गया कि फैक्ट्री अवैध तरीके से चल रही थी और गुटखा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल इंसान के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक थे। गुटखा फैक्ट्री जिस मकान में संचालित थी, वह नाले के ऊपर बना हुआ था, जो खुद में अवैध अतिक्रमण था। मौके पर पहुंचे लवकुश नगर एसडीएम राकेश शुक्ला, तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव, नायब तहसीलदार राजकुमार यादव और थाना प्रभारी परशुराम डावर ने बड़ी मुश्किल से फैक्ट्री के गेट को खुलवाया और संचालन की जांच शुरू की।
फैक्ट्री की वैधता की भी जांच
मोहल्ले के नागरिकों ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि इस गुटखा फैक्ट्री को यहां से हटाया जाना चाहिए, क्योंकि इसके कारण उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही, प्रशासन ने संजय नगर स्थित एक अन्य निजी मकान की भी जांच की, जहां तंबाकू से संबंधित कार्य चल रहा था। यह फैक्ट्री केजीआरएस इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत थी। प्रशासन ने इस फैक्ट्री की वैधता की भी जांच शुरू कर दी है।
जांच के बाद उचित कार्रवाई
एसडीएम राकेश शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गुटखा फैक्ट्री में मिलाए गए केमिकल्स इंसान के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैक्ट्री नगर के बीचो-बीच कैसे संचालित हो रही है, जबकि इसके संचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। जांच के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी और इस फैक्ट्री को यहां से हटाया जाएगा। इस संबंध में छतरपुर कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने कहा कि गुटखा फैक्ट्री की सूचना मिलते ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी को मौके पर भेजा गया। सैंपल लेकर जांच करेंगे और यदि कोई खामी पाई गई तो कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।