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छतरपुर में नल खुला छोडकर पानी व्यर्थ बहाने पर लगेगा 2000 रुपए का जुर्माना

गर्मी के मौसम में बढ़ती पानी की मांग और जल संकट की संभावनाओं के बीच छतरपुर नगर पालिका अब पेयजल की बर्बादी पर सख्त हो गई है। नल खुला छोडऩे या पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने वालों पर अब 2000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

छतरपुरApr 16, 2025 / 10:13 am

Dharmendra Singh

pump house

बूढ़ा बांध पंप हाउस

गर्मी के मौसम में बढ़ती पानी की मांग और जल संकट की संभावनाओं के बीच छतरपुर नगर पालिका अब पेयजल की बर्बादी पर सख्त हो गई है। नल खुला छोडऩे या पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने वालों पर अब 2000 का जुर्माना लगाया जाएगा। यह कार्रवाई अमृत परियोजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाने के प्रयासों की रक्षा के लिए की जा रही है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी माधुरी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर में रोजाना लगभग 1.64 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति हो रही है। बावजूद इसके कई लोग पानी भरने के बाद नल बंद नहीं करते, जिससे लाखों लीटर पानी बेवजह बह जाता है। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही को रोकने के लिए नगर पालिका की टीम नियमित रूप से शहर का भ्रमण कर रही है। लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है और उल्लंघन करने वालों पर चालान की कार्रवाई की जा रही है।

पानी की बर्बादी की एक बड़ी वजह—नल में टोंटियों की कमी


नगर पालिका द्वारा अब तक शहर के 40 वार्डों में 29810 नल कनेक्शन दिए गए हैं। लेकिन बड़ी संख्या में नलों में टोंटी (टैप) नहीं लगाई गई है, जिससे पानी को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। खासकर पुराने कनेक्शन में ही करीब 9 हजार नलों में टोटियां लगी हैं, बाकी कनेक्शन बिना टोंटी के हैं। ऐसे में पानी सप्लाई के दौरान, जो लगभग एक घंटे चलती है, हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है।

तीन आधुनिक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से हो रही जलापूर्ति


नगर पालिका ने छतरपुर में तीन जल शुद्धिकरण संयंत्र (वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट) तैयार किए हैं। बूढ़ा बांध स्थित प्लांट की क्षमता 6 एमएलडी, पचेर घाट का प्लांट 16 एमएलडी और शहर के भीतर बना तीसरा प्लांट 8.6 एमएलडी क्षमता का है। इसके अलावा 8 बड़ी पानी की टंकियों के माध्यम से पूरे शहर में जल वितरण किया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि बारिश आने तक किसी भी प्रकार के जलसंकट से निपटने के लिए नगर पालिका ने सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं।

75 करोड़ की लागत से बनी अमृत परियोजना


जल संकट से स्थायी समाधान के लिए छतरपुर में 2016 में 75.44 करोड़ की लागत से अमृत परियोजना को स्वीकृति दी गई थी। इस योजना के अंतर्गत सभी वार्डों में पाइपलाइन बिछाई गई और घर-घर जल कनेक्शन दिए गए। योजना का लक्ष्य पूरा हो चुका है और अब नगर पालिका की जिम्मेदारी है कि इसकी सतत निगरानी कर जल बर्बादी पर रोक लगाए।

इनका कहना है


पानी की कीमत को समझें और जल संरक्षण में सहयोग करें। एक-एक बूंद पानी कीमती है। यदि हम आज सतर्क नहीं हुए, तो कल इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
माधुरी शर्मा, सीएमओ

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