योग, नृत्य और गीतों की मनमोहक शुरुआत
समापन कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। मंच पर योगासन की प्रस्तुतियों से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसका निर्देशन राजेश कुशवाहा ने किया। इसके बाद महेंद्र तिवारी के निर्देशन में बच्चों ने सामूहिक रूप से कबीर, बुल्ले शाह, सुमित्रानंदन पंत और राजेश जोशी की कविताओं पर आधारित गीतों की प्रस्तुति दी। खास बात यह रही कि तबला, क्लैप बॉक्स और ढोलक की संगत शिविर के बच्चों द्वारा ही की गई। निशांत वाल्मीकि और अंजली तिवारी के निर्देशन में सीनियर और जूनियर ग्रुप ने नृत्य प्रस्तुतियों से माहौल को जीवंत कर दिया। वहीं मंच के बगल में लगाई गई आर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी में बच्चों की एक माह की रचनात्मकता प्रदर्शित हुई। इसमें बच्चों ने रंगों और कल्पनाओं से सुंदर कलाकृतियां बनाईं, जिनका मार्गदर्शन अंकित पाल, अनामिका कुशवाहा, कृतिका प्रजापति, अनन्या वर्मा और श्रुति चौरसिया ने किया।
भणाई नाटक ने की शिक्षा व्यवस्था पर करारी चोट
कार्यक्रम की सबसे प्रभावशाली प्रस्तुति रही नाटक भणाई, जिसे वरिष्ठ रंगकर्मी शिवेन्द्र शुक्ला के मार्गदर्शन और अभिदीप व रवि के निर्देशन में तैयार किया गया था। इस नाटक में लगभग 35 बाल कलाकारों ने भाग लिया और ग्रामीण स्कूलों की जर्जर स्थिति, शिक्षकों की लापरवाही, बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने वाली व्यवस्थाओं और कागजों में सिमटी पढ़ाई जैसी समस्याओं को व्यंग्य और गंभीरता के मिश्रण से मंचित किया। निर्देशक द्वय के अनुसार, इतने बच्चों के साथ कार्य करना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन सभी ने अनुशासन और मेहनत से नाटक को सफल बनाया। कार्यक्रम का संचालन कृष्णकांत मिश्रा, श्रुति चौरसिया और अनिका सिंह ने किया।