नर्मदापुरम से सप्लाई हुआ था खराब गेहूं
जिले में नर्मदापुरम से रैक द्वारा 2600 मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति की गई थी, जिसे नौगांव के प्रदाय केंद्र से शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर वितरित किया गया था। लेकिन यह गेहूं खराब स्थिति में था और उसमें फंफूद व घुन लगे हुए थे, जिससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मुद्दे को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बताया कि राशन दुकानों से खराब गेहूं को वापस मंगवाकर उसे सुधारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब उन दुकानों से विवादित गेहूं वापस लेकर उसे अपग्रेड करने के बाद मानक स्तर का एफएक्यू गेहूं वितरित किया जा रहा है।
जिला प्रशासन ने भी किया ब्लैक लिस्टेड
इस मामले में और भी गंभीरता से कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने स्थानीय स्तर पर भी समिति और वेयरहाउस के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। विशेष रूप से सेवा सहकारी समिति सांडिया और लोकेश वेयरहाउस, जिनसे खराब गेहूं जिला को आपूर्ति की गई थी, को दोषी ठहराया गया है। इन संस्थाओं ने अमानक (नॉन एफएक्यू) गेहूं की आपूर्ति की, जिसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाया गया था। अब कलेक्टर ने इन समितियों और वेयरहाउस के खिलाफ ब्लैक लिस्टिंग और अन्य वैधानिक कार्यवाही के लिए निगम के प्रबंध संचालक को प्रस्ताव भेजा है। साथ ही स्थानीय जिला प्रशासन ने इन समितियों और वेयरहाउस को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।
गेहूं अपग्रेड करके होगा सप्लाई
राशन दुकानों से खराब गेहूं की वापसी की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। प्रशासन का कहना है कि इस खराब गेहूं को वापस लेकर उसे सुधारने का कार्य तेजी से किया जा रहा है, ताकि उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाला गेहूं समय पर मिल सके। इसके अलावा, उन दुकानों से अपग्रेड किया गया गेहूं वितरित किया जा रहा है, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
राशन की लगातार होगी जांच
कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में दोषी पाए गए संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार की घटना भविष्य में न हो, इसके लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जिला प्रशासन ने सभी राशन दुकानों और गोदामों में गेहूं की गुणवत्ता की जांच शुरू कर दी है और किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जनता से कलेक्टर ने की अपील
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने इस मामले में जनता से भी सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी राशन दुकान या खाद्यान्न वितरण केंद्र से खराब सामग्री मिलती है, तो उसे तुरंत प्रशासन को सूचित किया जाए, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। प्रशासन का उद्देश्य सभी पात्र उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाले खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित करना है। यह कदम जिला प्रशासन की ओर से पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।