सागर संभाग बना केंद्र बिंदु
इस जल क्रांति का केंद्र सागर संभाग है, जिसमें सागर, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी, छतरपुर और दमोह जिले शामिल हैं। यहां सबसे अधिक जल संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
खेत तालाब निर्माण (कुल 8153)
सागर- 2298 दमोह- 1377 पन्ना- 1421 छतरपुर- 1677 टीकमगढ़- 972 निवाड़ी- 408 अमृत सरोवर निर्माण (कुल- 128)
सागर- 33 छतरपुर- 37 दमोह- 23 पन्ना- 17 टीकमगढ़- 16 निवाड़ी- 11
छतरपुर जिले में 93 फीसदी काम हुआ
छतरपुर जिले में 1677 खेत तालाबों के लक्ष्य में से अब तक 1554 तालाब पूरे हो चुके हैं, यानी 93त्न कार्य पूर्ण। जिले की 7 जनपद पंचायतों में से नौगांव, विजावर और बक्स्वाहा ने अपने लक्ष्य से अधिक तालाब बनाए हैं, जो जिले की उत्कृष्ट कार्यप्रणाली को दर्शाता है।
जनपदवार प्रगति (लक्ष्य बनाम उपलब्धि)
जनपद लक्ष्य पूर्णता नौगांव 229 244 राजनगर 265 233 बड़ा मलहरा 242 204 लवकुशनगर 200 197 छतरपुर 249 181 बिजावर 185 189 गौरिहार 185 175 बक्स्वाहा 122 131
स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से पलायन पर ब्रेक संभव
खेत तालाब और अमृत सरोवर केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनने जा रहे हैं। इनसे मछली पालन, सब्जी उत्पादन, बागवानी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे पलायन पर अंकुश लगेगा और ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिलेगा। इन जल संरचनाओं से भू-जल स्तर में सुधार होगा, वर्षा जल का संचयन होगा और क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी। तालाब और सरोवर न केवल कृषि के लिए वरदान बनेंगे, बल्कि जैव विविधता के लिए भी अनुकूल वातावरण तैयार करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है, बुंदेलखंड की प्यास बुझाना सिर्फ योजना नहीं, एक संकल्प है। हम हर गांव तक जल पहुंचाने को प्रतिबद्ध हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इस अभियान की सतत निगरानी कर रहा है ताकि समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
पत्रिका व्यू
बुंदेलखंड की जल क्रांति अब कागजों तक सीमित नहीं रही। 8153 खेत तालाब और 128 अमृत सरोवर उम्मीद, विकास और नवजीवन की मिसाल बन चुके हैं। यह पहल साबित कर रही है कि जब सरकार की योजनाएं और जनता की भागीदारी मिलती है, तो बदलाव अवश्यंभावी होता है। आने वाले वर्षों में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि बुंदेलखंड ने जल के माध्यम से अपनी तकदीर स्वयं लिखी।
इनका कहना है
बारिश में जलाशयों में जलसंचय होने से आसपास के इलाके में वाटर रिचार्ज होने से जलसंकट की समस्या का समाधान मिलेगा। निर्माण कार्यो की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। पार्थ जैसवाल, कलेक्टर