ईंट भट्टे में काम करने वाले बलराम विश्वकर्मा और उनकी पत्नी वहीं रहते हैं। उनका बेटा अंश उसी दौरान खेलते समय ट्रैक्टर-ट्रॉली से पलटी गई मिट्टी में दब गया। मिट्टी के ऊपर लगातार नए मटेरियल की परतें चढ़ती रहीं, जिससे किसी को भनक तक नहीं लगी।
ऐसे मिला था शव
बुधवार रात ट्रैक्टर में लगे फावड़े से मिट्टी खींची गई। गुरुवार को उसमें बालक का सिर और हाथ फंसकर बाहर आया। फिलहाल बालक के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज के तीन डॉक्टरों की टीम द्वारा कराया गया है। पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह तय हो पाएगा कि मौत मिट्टी में दबने से हुई या फिर कोई अन्य कारण जिमेदार था। यह भी पढ़े –
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देहात थाना प्रभारी गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मामले में प्रथम दृष्टया ईंट भट्टा संचालक की लापरवाही सामने आई है। रात के अंधेरे में अवैध रूप से मिट्टी डंप की जा रही थी और किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। यही कारण है कि बालक के दबे होने का किसी को अंदाजा नहीं लगा। पुलिस अब भट्टा संचालक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करेगी।