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छिंदवाड़ा

बारिश में मुंह के छाले का दर्द, रसोई और औषधियों में है इलाज

जिला अस्पताल में इसके मरीज देखे जा रहे है। खाना खाते समय जलन, बात करते वक्त असहजता, और कभी-कभी नींद तक हराम कर देने वाला दर्द मरीजों के मुंह से सुना जा रहा है।

छिंदवाड़ाJul 10, 2025 / 10:38 am

manohar soni

District Hospital Chhindwara

District Hospital Chhindwara

बारिश में इस समय मुंह के छाले एक आम लेकिन बेहद तकलीफदेह समस्या के रूप में सामने आ रही है। जिला अस्पताल में इसके मरीज देखे जा रहे है। खाना खाते समय जलन, बात करते वक्त असहजता, और कभी-कभी नींद तक हराम कर देने वाला दर्द मरीजों के मुंह से सुना जा रहा है। आयुर्वेद चिकित्सक डॉ.नितिन टेकरे ने इसे पित्त दोषों के असंतुलन बताया है।

जिला अस्पताल के चिकित्सक के अनुसार आयुर्वेद में इस असुविधा को मुखपाक या मुख दाह कहा गया है। अच्छी बात यह है कि इस तकलीफ का इलाज हमारी रसोई और औषधियों में छिपा है। उन्होंने बताया कि मुंह में छाले पित्त दोष के असंतुलन के कारण होते हैं। जब शरीर में पित्त अधिक हो जाता है, विशेष रूप से गर्म और तीखे आहार के कारण, तब यह ‘मुख पाक’ के रूप में बाहर निकलता है। बार-बार गर्म चीजें खाना, पाचन तंत्र की कमजोरी,नींद की कमी और मानसिक तनाव, अधिक दवाओं का सेवन (एंटीबायोटिक, स्टेरॉयड),अधिक धूप में रहना या अधिक गर्मी सहना, कब्ज और अपच की वजह से होता है।


क्या हैं मुंह के छाले


ये होंठों के अंदर, जीभ के किनारों या गालों की अंदरूनी सतह पर दर्दभरे, सफेद या पीले रंग के छोटे घाव होते हैं। छोटे दिखने वाले ये छाले कई बार गंभीर दर्द और असहजता का कारण बन सकते हैं।


आयुर्वेद में इसका इलाज


त्रिफला चूर्ण कुल्ला, मुलेठी का लेप, घृतकुमारी (एलोवेरा) रस, गाय का घी,नारियल तेल से कुल्ला, कटी हुई कच्ची धनिया के अलावा योग और प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, वज्रासन,
शवासन, ठंडा दूध, सादा खिचड़ी, नारियल पानी,छाछ (बिना मसाले के),
पके हुए फल (सेब, केला) इसका इलाज है।
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