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छिंदवाड़ा

Politics with farmers: सरकार की वादाखिलाफी पड़ गई भारी, किसानों का हुआ मोहभंग

– इस वर्ष सरकारी कोटे से कम आया धान
– बाजार मूल्य में वृद्धि भी एक बड़ी वजह

छिंदवाड़ाJan 31, 2025 / 11:20 am

prabha shankar

Dhan Mandi

Dhan Mandi

जिले में धान की सरकारी खरीदी पिछले साल 2024 की तुलना में कम हुई है। इसका कारण बाजार मूल्य में वृद्धि और विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के वादे के अनुरूप समर्थन मूल्य 3100 रुपए क्विंटल न दिया जाना बताया गया है।
खाद्य आपूर्ति विभाग के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2049 किसानों ने सरकारी खरीदी केंद्रों में 1,55,888 क्विंटल धान बेचा था। इसकी तुलना में इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में केवल 1551 किसान खरीदी केंद्र आए और 1,29,594 क्ंिवटल धान का विक्रय किया। इस तरह खरीदी में 26,294 क्विंटल धान सरकारी कोटे में कम आया।
किसान मान रहे हैं कि डेढ़ साल पहले वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपए क्विंटल करने की घोषणा की थी। इस वादे को सरकार आने पर नहीं निभाया। इससे किसानों का सरकारी खरीदी से मोह घटा। वे समर्थन मूल्य बढऩे का इंतजार करते रहे। जब समर्थन मूल्य नहीं बढ़ा, तब किसान 2300 रुपए क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान बेचने ज्यादा संख्या में नहीं पहुंच पाए।

पिछले सत्र की तुलना में पंजीयन भी कम

इस खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान समर्थन मूल्य पर बेचने 1882 किसानों ने सरकारी पंजीयन कराया था। पिछले खरीफ सत्र में यह संख्या 3357 किसान थी। अब तक खरीदी केंद्र पहुंचने वाले किसान 1551 रहे। जबकि जिले में धान का उत्पादन हर साल बढ़ता जा रहा है। तामिया, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा जैसे नए इलाकों में धान की पैदावार हो रही है।

अच्छी क्वालिटी का धान बाजार में ज्यादा दाम पर पहुंचा

पिछले खरीफ सत्र 2024 के जून-जुलाई में किसानों ने करीब 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बोवनी की थी। जिसकी उत्पादकता 42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही। इस हिसाब से जिले में चावल का उत्पादन 14.70 लाख क्विंटल हुआ। अधिकांश धान उत्पाद बाजार में बेच दिया गया। शेष धान समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी केंद्रों पर आया।

29.80 करोड़ देय राशि

इस बेची गई धान की कीमत 29.80 करोड़ रुपए थी। इनमें से अब तक किसानों को 25.77 करोड़ रुपए मिल पाए। शेष राशि जल्द ही किसानों को दे दी जाएगी।

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