पिछले सत्र की तुलना में पंजीयन भी कम
इस खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान समर्थन मूल्य पर बेचने 1882 किसानों ने सरकारी पंजीयन कराया था। पिछले खरीफ सत्र में यह संख्या 3357 किसान थी। अब तक खरीदी केंद्र पहुंचने वाले किसान 1551 रहे। जबकि जिले में धान का उत्पादन हर साल बढ़ता जा रहा है। तामिया, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा जैसे नए इलाकों में धान की पैदावार हो रही है।
अच्छी क्वालिटी का धान बाजार में ज्यादा दाम पर पहुंचा
पिछले खरीफ सत्र 2024 के जून-जुलाई में किसानों ने करीब 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बोवनी की थी। जिसकी उत्पादकता 42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही। इस हिसाब से जिले में चावल का उत्पादन 14.70 लाख क्विंटल हुआ। अधिकांश धान उत्पाद बाजार में बेच दिया गया। शेष धान समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी केंद्रों पर आया।
29.80 करोड़ देय राशि
इस बेची गई धान की कीमत 29.80 करोड़ रुपए थी। इनमें से अब तक किसानों को 25.77 करोड़ रुपए मिल पाए। शेष राशि जल्द ही किसानों को दे दी जाएगी।