दाह संस्कार के खर्च में बचत की उम्मीद
अंतिम संस्कार करने के लिए मोक्षधाम पहुंचने पर करीब चार से पांच क्विंटल लकड़ी की जरूरत पड़ती है। कम से कम 800 रुपए क्विंटल की दर से करीब चार से पांच हजार रुपए सिर्फ लकड़ी का खर्च लग जाता है। कार्यालय अधीक्षक मोहन नागदेव ने बताया कि गरीबी रेखा के दायरे में आने वाले व्यक्ति के लिए निगम जितनी लकड़ी की व्यवस्था करता है, उसका खर्च निगम के कोष से होता है। हर दो दिन में निशुल्क लकड़ी की योजना के दायरे में एक व्यक्ति की भी मृत्यु हुई तो भी प्रत्येक माह कम से कम 60 हजार की लकड़ी का खर्च निगम वहन करता है।इलेक्ट्रिक शवदाह गृह से होता है कम प्रदूषण
प्रदूषण विभाग के अधिकारी के अनुसार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में शरीर में जमा नमी ही धुंआ बनकर निकलती है। इस प्रक्रिया में कोयला, लकड़ी, कंडा न होने से निश्चित ही प्रदूषण कम होगा।गुजरात की कंपनी इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बना रही है। काफी समय बीत चुका है। आने वाले दो-तीन माह में कार्य पूरा भी हो जाएगा। इस बार काम धार्मिक मान्यता के अनुसार उत्तर दक्षिण दिशा के बदलाव के कारण अटका हुआ है। 74 लाख रुपए की लागत में ही कार्य हो जाएगा।
विवेक चौहान, सहायक यंत्री, नगर निगम