इस मामले में न्यायधीश डॉ. पीयूष जैलिया ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियुक्त तत्कालीन बेगूं थाना क्षेत्र के मेघनिवास निवासी सरपंच रतनी बाई पत्नी पप्पुलाल रैगर तीन वर्ष के कारावास दंडित किया। न्यायाधीश डॉ. पीयूष जैलिया ने अपने फैसले में अभियुक्त द्वारा ग्राम पंचायत चुनाव में अपनी पढ़ाई की योग्यता की शर्त पूरी करने के लिए फर्जी मार्कशीट प्रस्तुत करने को ना केवल रिटर्निंग अधिकारी बल्कि आम जनता के साथ धोखा बताया।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 13 गवाह और 33 दस्तावेज पेश किए गए हैं। कोर्ट ने इसे धोखाधड़ी मानते हुए धारा 420 के तहत 3 साल साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना लगाया। धारा 471 के तहत 2 साल साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 125ए के तहत 6 माह साधारण कारावास और एक हजार रुपए जुर्माना लगाया है, सभी सजा एक साथ चलेंगे।