इस मामले में गंगरार पंचायत सरपंच रेखा देवी, सहायक विकास अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह व प्रभारी हंसराज, सोनियाणा ग्राम पंचायत सरपंच लक्ष्मीदेवी गुर्जर, ग्राम विकास अधिकारी रामकरण माली व प्रभारी को निलंबित करने के निर्देश दिए। दोनों जगह सफाई फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया है।
मंत्री दिलावर ने ग्राम पंचायत कार्यालय, सार्वजनिक शौचालय और गलियों की दशा का जायजा लिया। निरीक्षण में सामने आया कि नालियों की सफाई नियमित नहीं होती और कई जगहों पर महीनों से काम रुका पड़ा है। स्थानीय निवासी कन्हैयालाल ने शिकायत की कि उनके घर के आगे एक साल से पत्थरों का ढेर लगा है जिससे रास्ता भी बंद है। विकास अधिकारी दुर्गा लाल को सख्त चेतावनी दी गई कि कार्यशैली नहीं सुधारी तो कार्रवाई होगी।
मंत्री ने कहा कि यदि गंगरार जैसा पंचायत समिति मुख्यालय ही सफाई व्यवस्था में फेल है तो अन्य जगहों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी कि जनता की सेवा में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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निरीक्षण के दौरान दो महिला सफाई कर्मियों ने मंत्री से वेतन वृद्धि की मांग की और बताया कि उन्हें मात्र 2000 रुपए प्रति माह दिए जाते हैं। मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बीएसआर के अनुसार सफाई कर्मियों को 297 रुपए प्रतिदिन का भुगतान तय है। ओवर टाइम या अवकाश पर कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान भी अनिवार्य है। ठेका फर्म पर शोषण का आरोप साबित होने पर ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।