सांसद राहुल कस्वां के प्रयासों से 7 जुलाई 2017 में पहली बार इस ओवरब्रिज के लिए 24.97 करोड़ की स्वीकृति मिली, लेकिन बाद में कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने काम बीच में रोक दिया। सांसद कस्वां ने अपने प्रयास जारी रखे और 17 नवंबर 2021 को रिवाईज्ड एस्टीमेट के साथ 36.03 करोड़ रुपए की स्वीकृति करवाई और तीसरी बार टेंडर प्रक्रिया के साथ ओवरब्रिज का काम शुरू हुआ।
काफी दिनों से अटका पड़ा हुआ था काम
टेंडर प्रक्रिया के बाद पूनियां कंर्स्ट्क्शन कंपनी ने इस काम को अपने हाथ में लिया और निर्माण कार्य चालू किया, लेकिन रेलवे की आरे से ट्रैफिक ब्लॉक नहीं देने के चलते यह काम फिर से कई दिनों तक बंद रहा। सांसद कस्वां ने फिर से सक्रिय जनप्रतिनिधि की भूमिका निभाई और दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से मुलाकात कर इस कार्य को पूर्ण करवाने हेतु रेलवे से ट्रैफिक ब्लॉक देने के लिए कहा।
विगत रविवार रात्रि से लेकर 24 दिसंबर तक रेलवे की तरफ से ट्रैफिक ब्लॉक मिला है जिसके बाद से इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। 990 मी. लम्बाई का यह ओवरब्रिज अब जल्द बनकर तैयार हो जाएगा।
करीब दो साल से परेशान हैं लोग
ओवर ब्रिज निर्माण कार्य शुरू होने के बाद शहरी क्षेत्र के लोगों सहित रेलवे फाटक के उसे पर आबाद बस्ती के लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। निर्माण कार्य के दौरान आवागमन बंद है। ऐसी स्थिति में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को तथा अस्पताल में जाने वाले रोगियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। वाहन चालकों को 7 से 8 किलोमीटर दूरी का चक्कर लगाकर बाईपास से निकालना पड़ता है। तथा अनावश्यक खर्च का भी सामना करना पड़ता है लोगों का मानना है कि जितना जल्दी हो और ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो ताकि लोगों को परेशानियों से निजात मिल सके।