बता दें कि 58 वर्षीय सविता राठी का जन्म जोधपुर में हुआ था। उन्होंने बीए (एलएलबी) तक शिक्षा ग्रहण की। उनके पति प्रकाश राठी चिकित्सक और पिता बंशीलाल माहेश्वरी वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उन्होंने 2005 में पहली बार सरपंच पद का चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद से वे लगातार तीन बार चुनाव जीतती आ रही हैं
पंचायत के लिए बनाया मास्टर प्लान
उन्होंने बताया कि पहली बार चुनाव जीतने के साथ ही पंचायत समिति के इंफ्रास्ट्रक्चर को डवलप करने के लिए मास्टर प्लान बनाया और इसी के अनुरूप पंचायत की दशा सुधारी। सबसे पहले पंचायत की सड़कों और नालियों को ठीक किया गया। इसके बाद ऐसा ड्रेनेज सिस्टम डवलप किया, जिसके चलते अब पंचायत में कहीं भी पानी जमा नहीं होता है। वहीं पहाड़ों से आने वाले बरसाती पानी को रोक कर उन्होंने जल संकट को दूर किया। पंचायत में तीन सीनियर हाई सेकेंडरी स्कूल हैं, जिनकी इमारत बिल्कुल नई है। हरियाली के लिए पंचायत में सैकड़ों पौधे भी लगाए गए हैं।
गांव को दिया हैरिटेज लुक
इसके साथ ही पंचायत को हैरिटेज लुक देने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि यह गांव करीब 500 साल पुराना है। ऐसे में यहां के मंदिरों, बावड़ी और कुओं को हैरिटेज लुक दिया गया है। साल 2008 में पंचायत को निर्मल ग्राम पुरस्कार भी मिल चुका है। 15 अगस्त को सविता राठी को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के रूप में भी बुलाया गया था।
जय राष्ट्र भारत कमेटी बनाई
उन्होंने बताया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के दौरान उन्होंने जय राष्ट्र भारत कमेटी बनाई। इस कमेटी में 51 लोगों को जोड़ा गया, जिन्होंने घर-घर जाकर संकट की घड़ी में लोगों को जागरूक किया। वहीं मोहल्लों में सायरन भी लगाए गए, ताकि आपात स्थित में लोगों को सचेत किया जा सके। इसके साथ ही कोरोना के दौरान इन्होंने कोविड आर्मी भी बनाई थी। जरूरतमंदों के खाने के किट उपलब्ध करवाए गए थे।