रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों स्टेडियम को तैयार होने में समय लगेगा। इन स्टेडियम का नवीनीकरण नहीं बल्कि निर्माण कार्य किया जा रहा है। सीट, फ्लडलाइट्स, सुविधाओं, यहां तक की आउटफील्ड और प्लेइंग सरफेस का ढेर सारा काम बाकी है। इतना ही नहीं, निर्माण और फिनिशिंग कार्य की तेजी में मौसम बड़ी बाधा बन रही है। गद्दाफी स्टेडियम में तो अभी तक प्लास्टर का काम पूरा नहीं हो सका है। आईसीसी इवेंट बेतरतीब कमरों और बाड़े के बिना नहीं हो सकते।
रिपोर्ट के मुताबिक, ICC के पास चेकलिस्ट है, जिसे पूरा किए जाने की जरूरत है। नेशनल स्टेडियम के नए बाड़े को पूरी तरह से पूरा न करने का फैसला किया है, क्योंकि इसके लिए समय नहीं है। सामान्य तौर पर नियम के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुकाबले से पहले मेजबान देश बहुत पहले ही आयोजन स्थल को आईसीसी को सौंप देते हैं, ताकि वे गुणवत्ता की जांच कर सकें और आवश्यक व्यवस्थाएं कर सकें।
रिपोर्ट में कहा गया है, अगर PCB समयसीमा के अंदर काम पूरा नहीं कर पाता है और आयोजन स्थल आईसीसी की चेकलिस्ट पर खरे नहीं उतरते हैं तो टूर्नामेंट आधे-अधूरे तैयार स्थलों पर नहीं खेला जा सकता। हालाकि अगले सप्ताह इसको लेकर अधिक स्पष्टता मिलेगी, लेकिन PCB और ICC को मिलकर इसके लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
ऐसा हुआ तो UAE को मिल सकती है मेजबानी
रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से हर हाल में अधूरे स्टेडियम के कामों को 25 जनवरी तक पूरा कर लेने को कहा है। इसके बाद आईसीसी के अधिकारी इन स्टेडियमों का जायजा लेंगे। अगर पाकिस्तान ऐसा करने में विफल रहता है तो चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी छिन सकती है। ऐसे में संभव है कि चैपिंयस ट्रॉफी पूरी तरह से पाकिस्तान से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) शिफ्ट हो जाए।