उन्होंने कहा, “गौतम गंभीर के साथ मैंने आईपीएल में चार साल तक एक ही टीम में खेला है। उनको भी पता होता है कि मैं क्या सोचता हूं। एक बार जब वह मुझे देख लेते हैं तो बिना बात किए ही पता चल जाता है कि मेरे मन में क्या चल रहा है। भारतीय कोच के तौर पर उनकी यात्रा भी श्रीलंका से ही शुरू हुई थी। बीच में वह नहीं थे लेकिन उन्होंने हमारी टीम को अपनी शैली के बारे में बता दिया था। हम उसी हिसाब से चलने की कोशिश कर रहे हैं। एक कोच के तौर पर वह काफी ज्यादा स्वतंत्रता देते हैं। यही उनके कोचिंग का मूल मंत्र है। वह काफी खिलाड़ियों को आजादी से खेलने के लिए प्रेरित करते हैं। वह कभी भी चीजों को जटिल नहीं करते और काफी साधारण तरीके से रणनीति बनाने का प्रयास करते हैं।”
इस दौरान सूर्यकुमार यादव ने मजाकिया अंदाज में भविष्यवाणी करते हुए कहा कि वह रिंकू सिंह को तो इस ग्राउंड पर ढेर सारे छक्के मारते हुए देख रहे हैं, क्योंकि कोलकाता उनका होम ग्राउंड है और उन्होंने यहां पर काफी मैच खेले हैं।
वहीं भारतीय टीम में हार्दिक की भूमिका पर सूर्यकुमार ने कहा, “हार्दिक और मेरे बीच जो रिश्ता है, वह काफी अच्छा रहा है। हम दोनों कई सालों से एक साथ खेल रहे हैं। 2018 में जब मैं मुंबई की टीम में गया, तब से हम साथ खेल रहे हैं। यहां बस मेरे पास एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है। जब मैं आईपीएल खेलने जाऊंगा तो यह जिम्मेदारी उनके पास होगी और मैं थोड़ा आराम कर सकूंगा, लेकिन मैदान पर हम हमेशा एक अच्छे दोस्त रहे हैं। हार्दिक हमेशा से ही टीम के लीडरशिप ग्रुप का हिस्सा रहे हैं। मैदान पर और मैदान के बाहर वह सभी फैसलों में हिस्सेदार होते हैं।
“अब तो अक्षर के पास भी इस बार एक अतिरिक्त ज़िम्मेदारी है। हमने देखा है कि वह काफी समय से टीम के साथ है। 2024 में उनके प्रदर्शन को हम सबने देखा था। वर्ल्ड कप के दौरान भी उनका प्रदर्शन काफ़ी अच्छा था। कुल मिला कर हमारी टीम में मैदान पर अभी कई कप्तान हैं।”
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में पिछले दो दिनों में काफी ओस देखने को मिली है। मैच के दिन भी उम्मीद है कि ओस अपना असर डालेगी। सूर्यकुमार ने इस संदर्भ में कहा, “हम जब इस मैदान पर अभ्यास कर रहे थे, तब हमने देखा था कि यहां पर ओस गिर रही है। अगर एक या दो दिन पहले जितनी ओस गिर रही थी, उतनी ही ओस मैच के दिन भी गिरी तो दोनों टीमों के लिए परिस्थितियां एक समान ही रहेंगी। मुझे ऐसा लगता है कि ओस के दौरान जब परिस्थितियां मुश्किल रहती हैं तब गेंदबाज़ी करते हुए, उन परिस्थितियों से निपटना अभ्यास पर निर्भर करता है। जब हम अभ्यास करते हैं तो भीगी हुई गेंद से गेंदबाजी करनी पड़ती है। साथ ही फील्डिंग यूनिट के तौर भी आपको भीगी हुई गेंद के साथ अभ्यास करना पड़ता है।”
इस सीरीज़ में शमी की वापसी केंद्र में रही है। रविवार को अभ्यास के दौरान उन्होंने क़रीब एक घंटे से अधिक गेंदबाज़ी अभ्यास किया था। इसके बाद सोमवार को शमी ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के इवेंट में कहा था, “यही वह मैदान है, जहां मेरा करियर शुरू हुआ था। इसी मैदान ने मुझे पहचान दिलाई और अब यहीं पर मेरी वापसी हो रही है, जो मेरे लिए एक अद्भुत एहसास है।”
शमी की वापसी के बारे में सूर्यकुमार ने कहा, “किसी भी अनुभवी गेंदबाज का टीम में वापस आना काफी अच्छा होता है। वह काफी महीनों के बाद वापसी कर रहे हैं। हालाकि जिस तरीके से उन्होंने यह वापसी की है, वह शानदार रहा है। चोट के बाद से उनके साथ जो भी चीजें घटित हुई हैं और उन्होंने जो वापसी की है, वह मैंने देखा है। उनका मैदान पर वापस आना हम सभी के लिए काफी खुशी की बात है।”