हेडिंग्ले में खेले गए इस टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 471 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड ने 465 रन बनाए और पहली पारी में छह रन से पिछड़ गया। दूसरी पारी में भारत ने 364 रन बनाए और इंग्लैंड को 371 रन का विशाल लक्ष्य दिया। लेकिन इंग्लिश टीम ने आखिरी दिन 82 ओवरों में ही यह लक्ष्य पांच विकेट रहते हासिल कर लिया। औसत गेंदबाजी, खराब फील्डिंग, गिल की खराब कप्तानी और भारत का निचाल क्रम कॉलैप्स होना, टीम की हार के ये चार मुख्य कारण रहे।
भारतीय बल्लेबाजी का निचाल क्रम कॉलैप्स
दोनों पारियों में भारत का निचाल क्रम कॉलैप्स हुआ। पहली पारी में भारत के आखिरी 7 विकेट सिर्फ 41 रन के अंदर गिर गए थे जबकि दूसरी पारी में आखिरी 6 विकेट 31 रन पर ढेर हो गए। कप्तान शुभमन गिल ने भी स्वीकार किया कि निचले क्रम के बल्लेबाजों से रन नहीं बन पाना हार का अहम कारण रहा।
भारतीय गेंदबाजों की औसत गेंदबाजी
तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को छोड़कर कोई अन्य गेंदबाज कुछ खास नहीं कर पाया। बुमराह ने पहली पारी में 83 रन देकर पांच विकेट झटके और दूसरी पारी में 57 रन दिये लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। उनके अलावा मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर ने बुरी तरह निराश किया। सिराज ने पहली पारी में 2 विकेट झटके, जबकि दूसरी पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। प्रसिद्ध कृष्णा ने दोनों पारियों में पांच विकेट लिए, लेकिन जमकर रन लुटाये। पहली पारी में उन्होंने 20 ओवर में 6.40 की इकॉनमी से 128 रन खर्च किए. दूसरी पारी में उन्होंने 6 से ज्यादा की की इकॉनमी से 90 से ज्यादा रन लुटाए।
शार्दुल ठाकुर ने बल्ले और गेंद दोनों से किया निराश
शार्दुल ठाकुर को ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी के ऊपर तवज्जो दी गई थी। उम्मीद थी कि वे नीतीश से बेहतर गेंदबाजी और बल्लेबाजी करेंगे। लेकिन शार्दुल बल्लेबाजी में पूरी तरह फेल रहे और पहली पारी में 1 और दूसरी पारी में 4 रन बनाकर आउट हो गए। गेंदबाजी में भी वे उम्मीद पर खरे नहीं उतरे। पहली पारी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। हालांकि तन उन्हें सिर्फ छह ओवर फेंकने का मौका मिला था। लेकिन उन छह ओवरों में उन्होंने 6.30 की इकॉनमी से 38 रन लुटाये थे। दूसरी पारी में उन्होंने दो विकेट झटके। लेकिन एक बार फिर महंगे साबित हुए। इस बार 5.10 की इकॉनमी से 10 ओवर में 51 रन दिये।
भारत की खराब फील्डिंग
भारतीय फील्डरों ने इस टेस्ट मैच में सात कैच छोड़े हैं। 2019 के बाद यह पहली बार हुआ है जब टीम ने टेस्ट मैच की पहली पारी में पांच या उससे अधिक मौके गंवाए हैं। सबसे खराब फील्डिंग युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल की रही। उन्होंने अकेले चार कैच छोड़े हैं। यशस्वी ने पहली पारी में तीनों मौके जसप्रीत बुमराह की गेंदों पर गवाए। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने मोहम्मद सिराज की गेंद पर बैन डकेट का कैच छोड़ा। जिन्होंने बाद में शतक लगाया।
शुभमन गिल की कप्तानी पर उठे सवाल
पहली बार टेस्ट कप्तानी कर रहे शुभमन गिल की रणनीति पर भी सवाल उठे। गेंदबाजों के चयन और उनके इस्तेमाल में कमी दिखी। खासकर, फील्डिंग की सजावट में खामियां नजर आईं। यशस्वी बार-बार स्लिप में गलती कर रहे थे, लेकिन गिल ने उन्हें वहां से नहीं हटाया। साई सुदर्शन स्लिप के बेहतरीन फील्डर हैं और गिल यशस्वी की जगह उन्हें वहां लगा सकते थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर यशस्वी ने ज़्यादातर गली में फील्डिंग की थी। ऐसे में उन्हें स्लिप में खड़ा करना कप्तान की बड़ी चूक थी। इसके अलावा पहली पारी में जब इंग्लैंड के 8 विकेट गिर चुके थे, तब गिल ने बुमराह को अटैक ने लाने में देरी की। आखिरकार जब बुमराह गेंदबाजी करने आए, तो उन्होंने तुरंत क्रिस वोक्स और जोस टंग को आउट कर इंग्लिश पारी समेत दी। लेकिन तब तक इंग्लैंड भारत की बढ़त लगभग खत्म कर चुका था। वहीं, गिल ने शार्दुल ठाकुर को सिर्फ 6 ओवर दिए गए, जबकि उनकी फॉर्म को देखते हुए उन्हें और मौके मिल सकते थे। इसके अलावा शार्दुल नई गेंद से बेहतर गेंदबाजी करते हैं, लेकिन उन्हें 40वें ओवर में गेंदबाजी के लिए लाया गया।