गावस्कर ने किया विरोध
गावस्कर इस बात से नाराज हैं कि इस ट्रॉफी के नाम में जेम्स एंडरसन का नाम सचिन तेंदुलकर से पहले क्यों रखा गया है। ECB ने दलील दी कि यह नाम वर्णमाला क्रम (Alphabetical Order) के आधार पर रखा गया है, लेकिन गावस्कर ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों से अपील की कि वे इस सीरीज को ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ कहकर पुकारें न की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’।
तेंदुलकर की तुलना में एंडरसन पीछे
गावस्कर ने मिड-डे अखबार में अपने कॉलम में लिखा, “ECB को इस सीरीज का कोई भी नाम देने का पूरा अधिकार है, लेकिन भारतीय प्रशंसकों के लिए यह हैरान करने वाला है कि एंडरसन का नाम तेंदुलकर से पहले क्यों जोड़ा गया। सचिन तेंदुलकर और कपिल देव न केवल भारत के महानतम क्रिकेटर हैं, बल्कि तेंदुलकर उम्र में भी एंडरसन से 12 साल बड़े हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि तेंदुलकर की उपलब्धियां हर मायने में एंडरसन से कहीं ऊपर हैं। गावस्कर ने तेंदुलकर के रिकॉर्ड्स का जिक्र करते हुए लिखा, “टेस्ट क्रिकेट में रन और शतकों के मामले में सचिन तेंदुलकर दुनिया में नंबर-1 हैं। वनडे क्रिकेट में भी उनके नाम सबसे ज्यादा रन दर्ज हैं। वहीं, एंडरसन टेस्ट में सर्वाधिक विकेट लेने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं, और उनका वनडे रिकॉर्ड तेंदुलकर जितना शानदार नहीं है।”
गावस्कर ने यह भी रेखांकित किया कि एंडरसन कभी वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा नहीं रहे। हालांकि, वे 2010 टी20 वर्ल्ड कप विजेता इंग्लैंड टीम में शामिल थे, लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। गावस्कर ने तंज कसते हुए कहा, “जिमी एंडरसन इंग्लिश कंडीशंस में शानदार गेंदबाज रहे हैं, लेकिन विदेशी पिचों पर उनका रिकॉर्ड तेंदुलकर जितना प्रभावशाली नहीं है।” उन्होंने भारतीय प्रशंसकों से आग्रह किया कि वे तेंदुलकर की महानता का सम्मान करें और इस ट्रॉफी को सही क्रम में पुकारें। गावस्कर का यह बयान सोशल मीडिया पर छाया हुआ है, और प्रशंसक उनकी इस बात से सहमति जता रहे हैं।