टॉप 2 में एंट्री की कोशिश
पंजाब किंग्स इस मैच में जीत के साथ टॉप-2 में जगह पक्की करने की कोशिश करेगी, जो 2014 के बाद उनकी पहली टॉप-4 फिनिश हो सकती है। दिल्ली के लिए यह मैच सम्मान की उम्मीद बचाए रखने का मौका है, लेकिन उनकी राह मुश्किल नजर आती है। शीर्ष क्रम की टक्कर एक दिलचस्प मुकाबला पेश करने वाली है, जहां दो टीमों की बल्लेबाजी ताकत में जमीन-आसमान का फर्क नजर आता है। पीबीकेएस का शीर्ष क्रम इस सीजन में शानदार फॉर्म में रहा है, जिनकी औसत 36.5 है जो लीग में गुजरात टाइटंस (58.3), लखनऊ सुपर जायंट्स (40.5) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (37.3) के बाद चौथे नंबर पर है। दूसरी ओर डीसी की शुरुआत बेहद कमजोर रही है, जहां उनके शीर्ष तीन बल्लेबाजों की औसत केवल 27.1 रही है जो चेन्नई सुपर किंग्स (23.2) और कोलकाता नाइट राइडर्स (26.2) के बाद सबसे कम है। ऐसे में यह मुकाबला रणनीतिक रूप से अहम होगा, जहां पीबीकेएस अपनी मजबूत शुरुआत का फायदा उठाकर डीसी पर दबाव बनाना चाहेगी। पंजाब किंग्स की ओपनिंग जोड़ी प्रभसिमरन सिंह और प्रियांश आर्य टीम की कामयाबी की बड़ी वजह बनकर उभरी है। आक्रामकता और निरंतरता का बेहतरीन मिश्रण पेश करते हुए इस जोड़ी ने लगभग हर मैच में पावरप्ले में टीम को शानदार शुरुआत दिलाई है। दोनों बल्लेबाज अब तक सीजन में 350 से ज्यादा रन बना चुके हैं, और प्रभसिमरन तो 500 रन के आंकड़े के करीब पहुंचते दिख रहे हैं।
इस ओपनिंग जोड़ी का प्रदर्शन सीधे तौर पर टीम के नतीजों को प्रभावित करता है। जब इन दोनों में से कोई भी बल्लेबाज 45+ रन बनाता है, तो पीबीकेएस ने अब तक कोई मुकाबला नहीं गंवाया है (5 जीत, 1 बिना नतीजे वाला मैच)। लेकिन जब दोनों में से कोई भी 45 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाता, तो पीबीकेएस ने छह में से तीन मुकाबले गंवाए हैं।
पावरप्ले गेंदबाजी में हो रहा है सुधार
पीबीकेएस की पावरप्ले गेंदबाजी में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है। शुरुआती पांच मुकाबलों में टीम सिर्फ चार विकेट निकाल सकी थी वह भी 9.8 की इकॉनमी और 73.8 के औसत के साथ, जो बेहद महंगे और बेअसर प्रदर्शन को दर्शाता है। लेकिन इसके बाद पीबीकेएस ने अपने गेंदबाजी आक्रमण में बड़ा सुधार किया और अगली सात पारियों में उन्होंने 14 विकेट चटकाए, वो भी 8.8 की इकॉनमी और केवल 23 के औसत के साथ। यह सुधार पीबीकेएस के लिए गेमचेंजर साबित हुआ है। हालांकि, राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ पिछला मुकाबला अपवाद रहा, जहां यशस्वी जायसवाल की आक्रामक बल्लेबाजी के चलते पीबीकेएस की गेंदबाजी बेअसर दिखी और आरआर ने सिर्फ एक विकेट खोकर पावरप्ले में 89 रन बना दिए। सीजन में पावरप्ले में सबसे बेहतर इकॉनमी की बात करें, तो आरसीबी 8.5 की इकॉनमी के साथ शीर्ष पर है, जबकि मुंबई इंडियंस और केकेआर 9.0 की इकॉनमी के साथ बराबरी पर हैं। पीबीकेएस भी अब इस सूची में 9.2 की इकॉनमी के साथ अपनी जगह बना चुका है।
पावरप्ले गेंदबाजी डीसी के लिए बड़ी समस्या
डीसी की पावरप्ले गेंदबाजी लगातार उनकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो रही है। इस सीजन में उन्होंने पावरप्ले में 9.7 की इकॉनमी रेट से रन लुटाए हैं, जो लीग की चौथी सबसे महंगी इकॉनमी है। डीसी के लिए एकमात्र राहत स्पिनर विप्रज निगम रहे हैं, जिनकी स्ट्राइक रेट 14 रही है, जो इस चरण में किसी भी गेंदबाज के मुक़ाबले सबसे प्रभावी है। वहीं दूसरी ओर अन्य तेज गेंदबाज जैसे मुकेश कुमार और दुष्मंत चमीरा पावरप्ले में कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं। लगातार शुरुआती विकेट नहीं ले पाने की वजह से डीसी हर बार बैकफ़ुट पर आ जाती है और विरोधी टीमों को तेज शुरुआत करने का मौका देती है।