श्रीकांत ने भारतीय टीम की ओर से अन्य विकल्पों को तलाशने की अनिच्छा पर भी हैरानी जताई। उन्होंने गिल को दिए गए लंबे मौकों की तुलना सूर्यकुमार यादव से की। फरवरी 2023 में नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र टेस्ट खेलने के बाद सूर्यकुमार को तुरंत टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था। तब से उन्हें मुख्य रूप से सीमित ओवरों के प्रारूप में खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूर्यकुमार ने टेस्ट में बहुत अच्छी शुरुआत नहीं की, लेकिन उनके पास तकनीक है और उनमें क्षमता है। हालाकि चयनकर्ताओं और प्रबंधन ने अब उन्हें व्हाइट बॉल के तौर पर सीमित कर दिया है।
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, शुभमन गिल अभी इसलिए टिके हुए हैं क्योंकि उन्हें दस मौके मिलते हैं। वह नौ असफलताओं के बाद 10वें मौके पर रन बनाते हैं। इसी वजह से उन्हें सफल होने के लिए और 10 मौके मिल रहे हैं। भारतीय विकेटों पर कोई भी रन बना सकता है। चुनौती घर से बाहर SENA देशों में रन बनाने की है और यहीं पर केएल राहुल जैसे खिलाड़ी टेस्ट पास करते हैं।
पूर्व क्रिकेटर ने ऋतुराज गायकवाड़ के प्रदर्शन को भी सराहा और भारतीय टीम में उनका चयन नहीं किए जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा, ऋतुराज गायकवाड़ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें चुनने की जहमत नहीं उठाई। इस बीच साई सुदर्शन जैसे खिलाड़ी ‘ए’ टूर में धमाल मचा रहे हैं। आपको इस तरह की प्रतिभाओं को बढ़ावा देना चाहिए, इसके बजाय वे गिल को चुन रहे हैं।
विदेश सरजमीं पर खराब प्रदर्शन
शुभमन गिल ने 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। हालाकि उसके बाद से विदेशी हालात में उनके फॉर्म में काफी गिरावट देखी गई। उनमें निरंतरता नहीं रही। एशिया के बाहर 18 पारियों में उनका औसत सिर्फ 17.64 रहा है। इस दौरान गिल एक बार भी 40 रन के आंकड़े तक पहुंचने में विफल रहे हैं। उनका खराब प्रदर्शन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भी स्पष्ट रूप से देखा गया, जहां उन्होंने 13, 20, 1, 28 और 31 के स्कोर दर्ज किए। वह 5 पारियों में कुल 93 रन बनाने में सफल रहे। उनका उच्चतम स्कोर 31 था, जो उन्होंने एडिलेड ओवल में पिंक बॉल टेस्ट में हासिल किया था। 2020 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में अपने टेस्ट डेब्यू के बाद से गिल ने 32 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने प्रति पारी 35 से ज़्यादा रन बनाए हैं।